कोरोनावायरस के कारण जहां पूरी दुनिया में दहशत फैली हुई है, वहीं इसके कारण अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ रहा है. भारत में भी इसका असर दिखा है और देश के बड़े-बड़े बिजनेस घरानों के लाखों करोड़ रुपये मार्केट से स्वाहा हो चुके हैं. मौजूदा हालातों को देखते हुए आने वाले दिनों में भी स्थिति के सुधरने पर आशंका है.
COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत समेत कई देशों में लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां में रुकावट आ रही है और लगातार दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट आ रही है.
बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक टाटा, रिलायंस, बिड़ला, बजाज जैसे देश के बड़े औद्योगिक घरानों का करीब 22 लाख करोड़ रुपये का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस वित्तीय वर्ष में बाजार की भेंट चढ़ गया.
हिंदुजा ग्रुप को सबसे ज्यादा नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक देश के शीर्ष 873 औद्योगिक घरानों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 26.3 प्रतिशत घटकर 61.8 लाख करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि उससे पिछले सालों में इसमें बढ़ोतरी हुई थी.
इनमें खास बात ये है कि जिन बिजेनस ग्रुप का मुख्य कारोबार वित्तीय सेवाओं, ऑटोमोबाइल और खनन से जुड़ा है, उनको ज्यादा नुकसान हुआ.
इंडसइंड बैंक के स्वामित्व वाले हिंदुजा ग्रुप को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. ग्रुप का बाजार पूंजीकरण लगभग 72 फीसदी घटकर 39 हजार करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि एक साल पहले ये 1.56 लाख करोड़ रुपये था.
इसी तरह वेदांता ग्रुप की मार्केट कैप भी 52.4 फीसदी तक गिरी है, जबकि महिंद्रा ग्रुप के पूंजीकरण में 48 फीसदी की कमी आई है.
भारती एयरटेल का प्रदर्शन बेहतर
रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम सेक्टर में देश की सबसे बड़ी कंपनी भारतीय एयरटेल का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और कंपनी ने साल दर साल (ईयर ऑन ईयर) के हिसाब से इस बार 42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की. कंपनी का कुल मार्केट कैप वित्त वर्ष 2019-20 में 82 फीसदी बढा.
वहीं देश के दो सबसे बड़े ऑद्योगिक घराने टाटा और मुकेश अंबानी, अभी भी शीर्ष पर कायम हैं. टाटा ग्रुप के मार्केट कैप में 16 फीसदी कमी आई, जबकि मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप में 19 फीसदी की कमी आई.
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