क्रिप्टो बाजार में निवेशकों की रुचि दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है. अच्छी खरीदारी से बिटकॉइन और इथेरियम ने हाल में ही शिखर बनाए थे. नई ऊंचाई छूने वाले क्रिप्टोकरेंसी की लिस्ट में एक रोचक नाम Dogecoin का भी शामिल है. इस मीम आधारित क्रिप्टोकरेंसी ने रिटर्न के मामले में बाकी करेंसी को काफी पीछे छोड़ दिया है. आइए जानते हैं Dogecoin के बारे में हर अहम बात.
Dogecoin की जबरदस्त मांग की वजह से 4 मई को US का रॉबिनहुड और भारत में वजीर’एक्स (WazirX) क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफार्म क्रैश कर गया.
क्या है Dogecoin?
बिटकॉइन, इथीरियम, बाइनेंस कॉइन, की तरह ही Dogecoin भी एक क्रिप्टोकरेंसी है. क्रिप्टोकरेंसी की खूबी है कि यह किसी सरकार, संस्था या व्यक्ति के हाथों में केंद्रित नहीं रहती.
Dogecoin की शुरुआत 2013 में IBM के दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिली मार्कस (Billy Markus) और जैक्सन पामर (Jackson Palmer) द्वारा मजाक के तौर की गई थी. यह उस समय तेजी से आ रही नई फ्रॉड क्रिप्टोकरेंसी पर एक तरह का कटाक्ष था. इसी वजह से Dogecoin का नाम और लोगो भी एक प्रचलित मीम 'शीबा इनु' से लिया गया था. Dogecoin के सर्कुलेशन को लेकर बिटकॉइन की तरह कोई ऊपरी सीमा नहीं है. बिटकॉइन की संख्या 21 मिलियन से ज्यादा नहीं हो सकती जबकि पहले से ही 100 बिलियन से ज्यादा Dogecoin मार्केट में है.
Dogecoin तेजी से चढ़ते हुए मार्केट कैप के अनुसार बिटकॉइन, इथेरेयम और बाइनेंस कॉइन के बाद चौथा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी बन गया है.
एलन मस्क का रहा है साथ
टेस्ला के मालिक एलन मस्क का बिटकॉइन के साथ ही इस क्रिप्टोकरेंसी को भी अच्छा समर्थन रहा है. समय-समय पर मस्क के Dogecoin संबंधी ट्वीट ने इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में तेजी लाई है. एलन मस्क ने एक बार तो अपने ट्विटर बायो में 'फॉर्मर (भूतपूर्व) CEO ऑफ Dogecoin' भी लिख डाला था. इसके अलावा डैलास मेवरिक्स के मालिक मार्क क्यूबन, रैपर स्नूप डॉग और रॉक म्यूजिशियन जीन सिम्मोंस भी Dogecoin के समर्थन में दिखे हैं. मस्क और उनकी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी टेस्ला ने बिटकॉइन में भी बड़ा निवेश किया है जिसके बाद बिटकॉइन की कीमतों में उछाल देखा गया था.
फरवरी से अब तक करीब 1600% चढ़ा
कॉइनगेको (CoinGecko) वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा के अनुसार 1 फरवरी को Dogecoin की कीमत करीब 3.8 सेंट थी जो अब 5 मई को 66 सेंट तक पहुंच गई है. इस तरह अगर किसी ने फरवरी की शुरुआत में Dogecoin में 1000 डॉलर निवेश किए होते तो अभी उस निवेश की वैल्यू 17000 डॉलर हो गई होती. आखिरी एक हफ्ते में यह करेंसी 147% मजबूत हुई है. करीब हर दिन यह क्रिप्टोकरेंसी अपना नया शिखर बना रहा है. उछाल से Dogecoin का मार्केट कैप भी तेजी से बढ़कर 85 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है.
उछाल के पीछे क्या है वजह?
Dogecoin की कीमतों में तेजी के पीछे कई वजहें अहम हैं. साल की शुरुआत में जहां यह करेंसी मुख्य तौर पर एलन मस्क के ट्वीट द्वारा समर्थन से चढ़ रही थी. वहीं बीते महीने क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस की लिस्टिंग ने बिटकॉइन, के साथ ही Dogecoin को भी उछाल दी थी.
इस करेंसी में हालिया तेजी के पीछे एक बार फिर एलन मस्क का अहम योगदान है. मस्क इस हफ्ते सैटरडे नाईट लाइव शो को होस्ट करेंगे जिसमे क्रिप्टो निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि Dogecoin का जिक्र होगा. इससे कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है. फियर ऑफ मिसिंग आउट (FOMO) यानी इस समय मुनाफे की रेस में पीछे छूट जाने के डर से भी निवेशक Dogecoin की खरीदारी कर रहे हैं. कुछ नए एक्सचेंज पर लिस्टिंग ने भी इसकी तेजी से बढ़ती कीमतों में योगदान दिया है.
क्या बबल में है ये करेंसी?
विभिन्न देशों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध की तैयारियों को लेकर खबरें आ रही है. ऐसे में Dogecoin समेत सारी ऐसी डिजिटल करेंसी को लेकर निवेशकों में संशय बना हुआ है. लगातार बेतहाशा तेजी के कारण इसके ओवरवैल्यूड होने को लेकर भी आशंका जताई जा रही है. अगर सैटरडे नाईट लाइव में उम्मीद के अनुसार चीजें नहीं हुई तो Dogecoin का भाव गिर सकता है. माना जा रहा है कि GameStop की तरह ही रेड्डीट पर एक ग्रुप Dogecoin की कीमतों को प्रभावित कर रहा है. ऐसी स्थिति में भी भविष्य में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है.
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