कोविड के बढ़ते मामलों के बावजूद शेयर बाजार की रौनक ने सबको हैरत में डाल दिया है. कुछ लोग इसे भारतीय अर्थव्यवस्था पर निवेशकों के भरोसे के तौर पर देखते हैं. जबकि कुछ अन्य इसे आने वाले दिनों में बड़े करेक्शन का संकेत मानते हैं. लगातार 4 दिन चढ़ने के बाद अब बाजार बीते 2 सेशन में करीब 1.5% कमजोर हुआ है. आखिर क्यों नहीं है कोविड का बाजार पर असर? एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले समय में कैसा रहेगा मार्केट और क्या हो बाजार में सही रणनीति? आइए जानते हैं-
शेयर बाजार की हालिया चाल:
देश में कुल कोविड मामले और मृत्यु का आंकड़ा अपने शिखर के करीब है. इसके बावजूद बीते 2 हफ्तों में शेयर बाजार चढ़ा है. 30 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते में निफ्टी नेट आधार पर 2.02% मजबूत हुआ था. वहीं, 7 मई को समाप्त हुए कारोबारी हफ्ते में भी NSE निफ्टी 1.31% चढ़ा. इन दोनों हफ्तों में सर्वाधिक चढ़ने वाले शेयरों ने करीब 17% और 14% तक का बड़ा मुनाफा भी बनाया था. बाजार में लगातार कई शेयर अपना नया शिखर बना रहे हैं. मंगलवार 11 मई को टूटने से पहले बाजार में 4 दिनों की तेजी देखी गई थी. आखिरी दो दिनों में बाजार के वैल्यूएशन में सुधार आया है.
क्या है इस तेजी के पीछे वजह?
बाजार के तेजी के पीछे कुछ अहम वजहें हैं. मार्च तिमाही के वित्तीय रिजल्ट्स में ज्यादातर कंपनियों का प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है. बीते हफ्ते RBI ने अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए कुछ अहम घोषणाएं भी की थी. वैक्सीनेशन की प्रक्रिया के निरंतर आगे बढ़ने से भी निवेशकों द्वारा मार्केट में अच्छी खरीदारी की जा रही है.
इसके अलावा टेक्निकल चार्ट्स में मददगार स्थिति ने बाजार में बुल्स की मदद की है. रिटेल निवेशक, घरेलू संस्थागत निवेशकों का खरीदारी में अच्छा सहयोग कर रहे हैं. बिगड़ते हालातों के बावजूद राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन नहीं लगाए जाने से भी बाजार की आर्थिक असर की चिंता कम हुई थी.
क्या बाजार में आने वाला करेक्शन?
कई जानकार कोविड के पहले दौर के बाद की मार्केट रिकवरी के समय से ही बाजार को ओवरवैल्यूड बताते रहे हैं. ऐसे में कोविड के जोरदार प्रकोप के बावजूद बाजार में बदलाव नहीं आना इन बातों के सही होने की तरफ इशारा करता है.
शेयर मार्केट वर्तमान परिस्थितियों को पूरी तरह से अनदेखा कर रहा है. बाजार में हालिया मुनाफा बड़ी लिक्विडिटी के दम पर आया है. अगर कोरोना मामले उम्मीद के मुताबिक सामान्य नहीं हुए और आकलन के विपरीत मई में स्थिति ठीक नहीं हुई तो मार्केट करेक्शन की उम्मीद की जा सकती है.ब्लूमबर्ग से समीर राच्छ, फंड मैनेजर, निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड
निवेशकों के लिए क्या रणनीति हो सकती सही?
बाजार में बुलिश सेंटीमेंट के बावजूद निवेशकों को पूरी सावधानी के साथ सूझबूझ से व्यापार करना चाहिए. अगर हालात जल्दी सामान्य नहीं हुए तो आने वाले दिनों में विदेशी निवेशकों द्वारा और भी बड़ी बिकवाली देखी जा सकती है.
वर्तमान परिस्थितियों के कारण हमें मार्केट में 5-10% करेक्शन की संभावना दिखती है. लांग टर्म के लिए हमारा बाजार के लिए आउटलुक नहीं बदला है और हम गिरावट के बाद खरीद की सलाह देंगे.मनीकंट्रोल से अमनीष अग्रवाल, रिसर्च हेड, इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज
बाजार में ग्लोबल लिक्विडिटी और मई में कोरोना के दूसरे लहर के पीक पर पहुंच जाने के 'होप ट्रेड' ने बुल्स को मार्केट में मदद दी है. लॉकडाउन के कारण जो तबाही आई है उसका आने वाले महीनों में ज्यादातर सेक्टर पर नेगेटिव असर होगा.मनीकंट्रोल से सच्चीतानंद उत्तेकर, DVP, टेक्निकल (इक्विटी), ट्रेडबुल्स सिक्योरिटीज
शॉर्ट टर्म में मुनाफे की दृष्टि से नए निवेश से इन्वेस्टर्स को बचना चाहिए. अच्छे वर्तमान होल्डिंग को लंबे समय में रिटर्न के लिए रखा जा सकता है. अब चूंकि बाजार अच्छे स्तर पर है, पैसे की जरूरत वाले निवेशक प्रॉफिट बुकिंग भी करने पर विचार कर सकते हैं.
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