रोजाना ऑनलाइन ठगी की कई खबरें आती हैं. ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजैक्शन के चक्कर में कई लोग अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं. ताजा मामला मुंबई के बोरिवली का है. मुंबई में एक 26 साल कि महिला ऑनलाइन ठगी का शिकार बन गई और 75 हजार रुपये गंवा दिए.एक अंजान व्यक्ति ने ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल के कस्टमर सर्विस का कर्मचारी बन कर इस ठगी को अंजाम दिया.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक, महिला ने 1,100 रुपये की एक साड़ी ली. जब वो डिलीवर हुई तो डिफेक्टेड निकली. महिला ने जब कंपनी के कस्टमर केयर में फोन किया तो कस्टमर केयर वाले ने बैंक अकाउंट नंबर और IFSC कोड मांगा. 25 मार्च को शिकायत करने वाली महिला को एक मैसेज आया जिसमें लिखा था कि उसके अकाउंट से 75, 000 रुपये निकाल लिए गए हैं. बाद में पता चला महिला के एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर इस फ्रॉड को अंजाम दिया गया.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा के मुताबिक साल 2015-16 में ऑनलाइन फ्रॉड के 1191, साल 2016-17 में 1372 और 2017-18 में 2059 मामले दर्ज हुए थे. साल 2014 में 9,622 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हुए थे.
ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें?
- कभी भी फोन पर किसी को अपनी बैंक डिटेल न दें
- बैंक के कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव फोन या ई-मेल पर आपकी पर्सनल जानकारी नहीं मांगते
- गैर विश्वसनीय साइटों पर अपनी निजी जानकारी न डालें
- किसी से अपना बैंकिंग या डेबिट पासवर्ड और पिन या अकाउंट नंबर शेयर न करें
- हर कुछ महीनों के बाद पासवर्ड बदलते रहें
- किसी और का बताया पासवर्ड न बनाएं
- किसी से ओटीपी शेयर न करें
- डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर रहे हों तो अपने फोन नेटवर्क से दी गई जानकारी का इस्तेमाल करें न कि पब्लिक वाई-फाई से आई जानकारी का
- लेनदेन की रसीद जरूर ले लें
- ऑनलाइन शॉपिंग के बाद अपना बैंक स्टेटमेंट जरूर चेक करे
ऑनलाइन फ्रॉड हो जाए तो क्या करें ?
- आरबीआई के मुताबिक अगर आप फ्रॉड का शिकार हुए हैं, तो आपको अपने बैंक को तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी देनी होगी.
- इसके बाद बैंक मामले की जांच करेगा और देखेगा कि पैसे आपकी गलती के कारण किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर हुए हैं या आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं या फिर किसी ने आपके अकाउंट से पैसे निकाल लिए हैं.
- अगर आप साइबर फ्रॉड का शिकार हुए हैं, तो बैंक चोरी हुए पैसों की भरपाई करेगा. लेकिन ये भरपाई कुछ शर्तों के आधार पर होगी.
- सबसे पहले अपने अकाउंट, कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग को बंद कराएं. इसके बाद पुलिस में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं.
- बैंक में एफआईआर की कॉपी लेकर जाएं. इसके आधार पर बैंक फ्रॉड की जांच करेगा.
- अगर कस्टमर सात दिनों के बाद बैंक के पास फ्रॉड की शिकायत लेकर जाता है, तो बैंक का बोर्ड इस पर निर्णय लेगा.
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