रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डिप्टी गवर्नर राजेश्वर राव ने सोमवार, 14 फरवरी को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पॉन्जी स्कीम्स के समान है या इससे भी बदतर और इन पर प्रतिबंध लगाना भारत के लिए सबसे सही होगा.
हमने यह भी देखा है कि क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, असेट या कमोडिटी के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है. इसमें कोई कैश का प्रवाह नहीं है, ना ही इसका कोई आंतरिक मूल्य है. ये पॉन्जी स्कीम के समान हैं, और इससे भी बदतर हो सकते हैं.टी रबी शंकर, डीप्टी गवर्नर, आरबीआई
उन्होंने कहा, "इन सभी वजहों से यह निष्कर्ष निकलता है कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है."
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख शक्तिकांत दास भी पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कह चुके हैं कि यह अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है.
उन्होंने कहा था, "पहले मैंने ये कहा था कि निवेशक अपना फैसला खुद करें लेकिन निवेशकों को अपने दिमाग में ये बात रखनी होगी कि जो भी निवेश कर रहे हैं, वो उनकी जिम्मेदारी है. इसको लेकर आरबीआई की ओर से किसी तरह का नियम नहीं बनाया गया है."
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