बाजार के लिए गुरुवार का दिन अच्छा बीता. शेयर बाजार में 1% से ज्यादा की बढ़त देखी गई. सेंसेक्स करीब 420 प्वाइंट और निफ्टी 120 प्वाइंट चढ़कर बंद हुआ. वहीं पिछले एक महीने में शेयर बाजार करीब 8.5% ऊपर चढ़ा है. ऐसे में रिटेल निवेशकों को क्या करना चाहिए ये एक बड़ा सवाल है. खासकर तब जब अब भी इकनॉमी पर कोरोना के काले बादल मंडरा रहे हैं.
बीते एक महीने के बाजार का हाल
बीते एक महीने में बाजार ने अच्छी रैली दिखाई है. शेयर बाजार करीब 8.5% भागा है जो कि अच्छी तेजी मानी जा सकती है. पिछले दिनों में IT शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया है. मार्च में बाजार ने अपना लो बनाया था वहां से अब तक बाजार ने अच्छी रिकवरी दिखाई है. मार्केट एक्सपर्ट देवेन चोकसी ने क्विंट को बताया है कि तीसरी और चौथी तिमाही में इकनॉमी में रिकवरी देखने को मिल सकती है.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने मनीकंट्रोल को बताया कि "नेगेटिव ग्लोबल संकेतों के बावजूद भारतीय बाजार में 16 जुलाई को तेजी देखने को मिली है. IT शेयर खासकार इंफोसिस में अच्छी तेजी देखने को मिली है. अभी कोरोना वायरस और दुनियाभर के सामरिक-राजनीतिक मोर्चे पर अनिश्चितता की स्थिति है, ऐसे में मेरी सलाह है कि निवेशकों को स्टॉक पर फोकस करना चाहिए. इसके अलावा निवेशकों को तिमाही नतीजों और कमेंट्री पर ध्यान देना चाहिए."
रेलीगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा का मानना है कि अगर कोई बड़ी घरेलू घटना नहीं होती है तो आगे आने वाले दिनों में भारतीय बाजार ग्लोबल बाजारों से क्यू लेते रहेंगे.
भारत और अमेरिका में कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़े चिंता का विषय बने हुए हैं. ऐसे हालात में हमारा मानना है कि निवेशकों को बहुत सतर्क रहना चाहिए और हेज ट्रेड करना चाहिए.अजित मिश्रा, रेलीगेयर ब्रोकिंग
HDFC सिक्योरिटीज के नागराज सेठी का कहना है कि 'भले ही 16 जुलाई को बाजार में तेजी देखने को मिली हो लेकिन बाजार की ओवरलऑल ब्रेथ नेगेटिव रही क्यों कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने अंडरपरफॉर्म किया. निफ्टी का शॉर्ट टर्म ट्रेंड रेंज बाउंड एक्शन के साथ पॉजिटिव दिखता है. आगे बढ़ने पर 10,830-10,900 बाजार के लिए अगला कठिन पड़ाव होगा. 10,600-10,550 के आस-पास निफ्टी के लिए अच्छा सपोर्टिंग लेवल है.'
पिछले दिनों में म्यूचुअल फंड से भी निवेशकों का मोह भंग हुआ है. जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने मनीकंट्रोल से बातचीत में बताया है कि 'खराब रिटर्न के चलते नए निवेशक म्यूचुअल फंड से भाग रहे हैं.'
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