आजकल न्यूज मीडिया और सोशल मीडिया पर खबरें चलती हैं कि इन शेयर्स में लगाएं पैसा और लखपति-करोड़पति बन जाएं. मोबाइल में ऐसे मैसेजेज भी आते हैं. बड़े बड़े अक्षरों में हेडलाइन होती है करोड़ों की बंपर कमाई, इन शेयरों का दाम तेजी से बढ़ा, इसमें निवेश करें....लेकिन ये खबरें आपको पूरी बात नहीं बताती. रुपया-पैसा के इस वीडियो में हम आपको इसके पीछे का सच बताएंगे और ये भी बताएंगे कि दिग्गज बिजनेस मैन या किसी और के इंवेस्टमेंट प्लान को कॉपी करने के फायदे-नुकसान क्या है.
लेकिन पहले हफ्ते की वो सुर्खियां बताते हैं जो आपकी जेब का फायदा नुकसान तय कर सकती हैं.
महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग्ज एडमिनिस्ट्रेशन ने जॉनसन एंड जॉनसन इंडिया के बेबी पाउडर का लाइसेंस रद्द कर दिया है. महाराष्ट्र एफडीए ने प्रोडक्ट की क्वीलिटी की जांच के उद्देश्य से पुणे और नासिक में कंपनी के बेबी पाउडर के सैंपल्स लिए थे जो सही नहीं पाए गए. अब कंपनी ने कोर्ट का रुख किया है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में गिरावट अब भी हो रही है. ब्रेंट क्रूड ऑयल 91 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास है लेकिन भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किया गया है.
भारतीय बाजार से लेकर विदेशी बाजार तक सोने की कीमतों में गिरावट आई है. पिछले शुक्रवार को स्पॉट मार्केट में सोने की कीमतें अपने दो साल के सबसे नीचले स्तर पर पहुंच गईं. ग्लोबल मार्केट में गोल्ड का भाव 1661 डॉलर पर आ गया. MCX पर सोने की कीमत 49,220 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई. इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार, 24 कैरेट वाले सोने का दाम 16 सितंबर को अधिकतम 49,926 रुपये रहा. जबिक 22 कैरेट वाले गोल्ड का दाम 49,726 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा.
बाबा रामदेव की पतंजलि ग्रुप 4 कंपनियों के आईपीओ लाने की तैयारी में है. पतंजलि आयुर्वेद, पतंजलि मेडिसिन, पतंजलि वेलनेस और पतंजलि लाइफस्टाइल का आईपीओ आएगा. बाबा रामदेव ने कहा अगले 5 से 7 साल में ग्रुप का कारोबार 1 लाख करोड़ के पार होगा. पतंजलि समूह ने इन कंपनियों की बाजार में लिस्टिंग करने का काम शुरू भी कर दिया है.
देशभर में साइबर ठगी के मामले बढ़ रहे हैं ऐसे में इन पर शिकंजा कसने के लिए RBI क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड इस्तेमाल करने वालों के लिए 1 अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन नियम ला रहा है. आरबीआई के मुताबिक, इस नियम के लागू होने के बाद कार्डहोल्डर्स को ज्यादा सुविधाएं और सुरक्षा मिलेगी. टोकनाइजेशन से मतलब है कि पेमेंट के वक्त आप जो कार्ड की सारी डिटेल्स डालते हैं फिर ओटीपी जनरेट होता है तो इन सब की जगह आपको एक टोकन नंबर दे दिया जाएगा.
अब लौटते हैं आज के मुद्दे पर. किस शेयर में लगाएं पैसा? खबरों में बताया जाता है कि फलां कंपनी के शेयर्स के शेयर लीजिए क्योंकि इसने पांच साल में निवेश की गई रकम को दोगुना या तीन गुना कर दिया. लेकिन पूरी बात तो यह है कि शेयर के दाम बढ़ने के बाद निवेश करने वालों को प्रति शेयर खरीदने के लिए ज्यादा खर्च करना होगा और आगे कोई गारंटी नहीं होगी कि इसी तरह की तेजी एक बार फिर आएगी.अब ऐसा ही कुछ Jayant Infratech Ltd के साथ हुआ, इसके अलावा Muthoot Capital Services में एक हफ्ते में इस स्टॉक ने 28 फीसद से अधिक रिटर्न दिया. लेकिन अब इसी शेयर ने पिछले एक साल में 35 फीसद से अधिक निगेटिव रिटर्न भी दिया है. और आने वाले हफ्तों में कोई गारंटी थोड़ी न है. ऐसे कई एग्जाम्पल्स हैं.
इसलिए कंपनी के फंडामेंटल्स देखें. फाइनेंशियल एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी बताते हैं कि इक्विटी में इंवेस्टमेंट लॉन्ग टर्म में होता है, सोशल मीडिया पर मिलने वाली टिप्स गलत हो सकती है, पता नहीं वो वेल रिसर्चड है या नहीं इसलिए उस झंझट में ना फंसे. तेजी से रिटर्न देने वाले शेयर्स की बात करें तो ये उनके लिए हो सकता है जिन्हें शॉर्ट टर्म गेंस चाहिए और जो रिस्क को झेलने की क्षमता रखते हो. अब जरूरी भी नहीं है कि वे शेयर्स प्रोफिटेबल ही हो. वे कहते हैं कि अगर आप खुद रिसर्च करने में सक्षम नहीं हैं तो फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेकर ही आगे बढ़ें.
अब एक और मसले पर चर्चा कर लेते हैं...कॉपी केट इंवेस्टमेंट या क्लोनिंग, कई लोग सोचते हैं कि दिवंगत राकेश झुनझुनवाला अगर इंवेस्ट करके इतने अमीर बने हैं तो क्यों न उनके इंवेस्टमेंट प्लान को ही कॉपी कर लिया जाए..शायद ये अच्छा आईडिया नहीं है. देखिए बड़े बिजनेस मैन के पास अलग विजन है, उनके निवेश का उद्देश्य अलग है, उनके पास निवेश करने वाली पूंजी आपके पैसे से कई गुना ज्यादा है. अब आप अगर उनका प्लान कॉपी करेंगे तो आपकी जरूरत के हिसाब से इंवेस्ट नहीं होगा और वैसे रिटर्न्स नहीं मिलेंगे.
उदाहरण से समझें.. जया अपनी मैनेजर के इंवेस्टमेंट प्लान को कॉपी करती है...जया की दो बेटियां हैं जो अभी पढ़ाई कर रही हैं और जया की मैनेजर हैं जो कुछ महीनों में रिटायर हो रही है. अब जया की मैनेजर ने अपने प्लान में बदलाव कर सरकारी स्कीम्स और बॉन्ड्स में पैसा लगाना शुरू किया ताकि वो रिटायरमेंट के लिए अच्छा पैसा जमा कर सके. लेकिन जया को आज से 10 साल बाद अपनी बेटियों की पढ़ाई के लिए मोटी रकम लगेगी ऐसे में शेयर बाजार से बाहर निकल कर सरकारी स्कीम्स में पैसा लगाना ठीक नहीं होगा. इसीलिए दूसरो के पोर्टपोलियो को कॉपी ना करें. कॉपी करना ही है तो आईडियाज, फिलॉसफी को करें. प्लान को कतई नहीं.
जितेंद्र सोलंकी कहते हैं कि दिग्गजों के रिसर्च करने का तरीका अलग है, उन्हें मालूम है कि किस वक्त पैसा लगाना है और कब एग्जिट करना है. आपको पैसा लगाने से पहले तय करना होगा कि आप कितने वक्त के लिए और कितना इंवेस्ट करना चाहते हैं, फिर आपका गोल क्या है, किस उद्देश्य के लिए करना है, जितेंद्र कहते हैं कि रिटर्न्स से ज्यादा आपका ध्यान वेल्थ क्रिएशन पर होना चाहिए. तो देखिए पैसा आपका है, निवेश आपका है, रिटर्न आपका है इसलिए खुद रिसर्च करे, कंपीन की एन्युअल रिपोर्ट उठाइए फिर उसके फ्यूचर को एसेस कीजिए और फिर निवेश कीजिए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)