शेयर मार्केट, स्टार्टअप और यूनिकॉर्न के क्षेत्र में कुछ नाम ऐसे भी रहे हैं जिन्होंने हाल के वर्षों में काफी हल्ला मचाया था. निवेशकों में इन्हें लेकर काफी उत्साह था, लेकिन थोड़े ही समय में यह उत्साह फुस्स हो गया क्योंकि इसमें निवेशकों के करोड़ों रुपये स्वाहा हो गए हैं. LIC, Paytm , पॉलिसी बाजार, Nykaa और Zomato जैसे शेयर्स ने जोरदार झटका दिया है. वहीं BYJU'S जैसे स्टार्टअप की हालत पस्त है. एक तरफ सरकार यूनिकॉर्न की उपलब्धियों पर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों के पैसे डूब रहे हैं और छंटनी की जा रही है.
नए IPO का हाल
Zomato : लिस्टिंग के दिन बनाया था करोड़पति, अब बनाया 'खाकपति'
ऑनलाइन फूड डिलेवरी कंपनी जोमैटो के शेयर्स को लेकर इन दिनों मार्केट में हाहाकार मचा हुआ है. इस साल की शुरुआत से ही जोमैटो के शेयर में गिरावट देखी जा रही है, 26 जुलाई को बीएसई BSE पर जोमैटो के शेयर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर (41.65 रुपये) पर पहुंच गए थे. एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि इस बड़ी गिरावट की वजह इसके शेयरों का लॉक-इन पीरियड खत्म होना है. 23 जुलाई 2022 को जोमैटो के शेयर्स का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है. ऐसे में आगे और गिरावट देखी जा सकती है.
जोमैटो देश में लिस्ट होने वाली पहली यूनिकॉर्न कंपनी थी और इसमें खासकर युवा निवेशकों ने जमकर निवेश किया था. एक साल पहले यानी 23 जुलाई 2021 को जोमैटो की लिस्टिंग हुई थी.
जोमैटो वही आईपीओ है जिसने लिस्टिंग के दिन ही 18 लोगों को करोड़पति बना दिया था. जोमौटो का इश्यू प्राइज 76 रुपये प्रति शेयर था. 26 जुलाई 2022 को जोमैटो के शेयर 41.65 रुपये के भाव पर बंद हुए थे. यह इसके उच्चतम स्तर (169.10 रुपये) से 127.45 रुपये कम है.
इस शेयर की कीमत अपने ऑल टाइम हाई से करीब 75 फीसदी तक गिर चुकी है. शुरुआती दिनों ने जोमैटो के आईपीओ पर लोगों ने काफी भरोसा जताया था, निवेशकों के बीच इसके शेयर मांग इतनी बढ़ी थी कि यह देखते ही देखते यह 169 रुपये को पार कर गया था.
एक समय जोमैटो 1.33 लाख करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई थी लेकिन इस समय इस कंपनी की मार्केट कैप लगभग 34 हजार करोड़ रुपये बची है. यानी निवेशकों को 99 हजार करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. मई 2022 तक ही 88 हजार करोड़ स्वाहा हो चुके थे. जोमैटो के शेयर अपने ऑल टाइम हाई से करीब 75 फीसदी तक गिर चुके हैं.
"जोमैटो का खेल तो लिस्टिंग के समय ही खत्म हो गया था"
शेयर बाजार के दिग्गज खिलाड़ी माने जाने वाले शंकर शर्मा ने जोमैटो की स्थिति पर तंज कसते हुए दीवार फिल्म का डायलॉग ट्वीट किया. उन्होंने लिखा "जोमैटो का स्टॉक उन्हें अमिताभ बच्चन के डायलॉग की याद दिला रहा है जो उन्होंने पिता के मौत की खबर सुनने पर कहा था- "मर तो वो बीस साल पहले गया था. आज तो सिर्फ उसे जलाया जा रहा है."
इसी ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा "लिस्टिंग के समय ही खेल खत्म हो चुका था."
LIC : निवेशकों के पैसे स्वाहा करने में एशिया के टॉप IPO में शामिल
इसी साल 17 मई को स्टॉक एक्सचेंजों पर LIC के शेयर्स लिस्ट हुए थे, उसके बाद एक महीने के अंदर ही इसमें 29 फीसदी की गिरावट देखी गई थी. जिसकी वजह से निवेशकों को 17 अरब डाॅलर का नुकसान उठाना पड़ा था. पिछले महीने की ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट् के मुताबिक LIC निवेशकों की संपत्ति डुबाने के मामले में एशिया का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ बन गया था.
LIC का आईपीओ साइज 2.7 अरब डॉलर का था, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साइज है. लेकिन लिस्टेड होने के बाद लगभग एक महीने में ही यह एशिया के सबसे फ्लॉप IPO में शुमार हो गया था.
LIC ने 949 रुपये के भाव पर शेयर जारी किए थे, लेकिन शेयर लिस्टिंग इससे काफी कम भाव पर हुई थी. 26 जुलाई को एलआईसी के शेयर 675.35 रुपये पर बंद हुए थे. इस समय इसके शेयर्स की मौजूदा कीमत इश्यू प्राइज से लगभग 29 फीसदी कम है.
Paytm : लिस्टिंग के समय देश का सबसे बड़ा IPO, 65% तक टूटे शेयर
18 नवंबर 2021 को Paytm के शेयर्स की मार्केट में लिस्टिंग हुई थी. LIC से पहले पेटीएम आईपीओ भारत में सबसे बड़ा आईपीओ लेकर आई थी. लेकिन शेयर की लिस्टिंग के बाद से ही शेयर में गिरावट का सिलसिला जारी है. इस समय कंपनी का शेयर रिकॉर्ड हाई से अभी 65 फीसदी डिस्काउंट पर ट्रेड कर रहा है. यह बीते 1 साल में किसी भी आईपीओ में सबसे ज्यादा गिरावट है. Paytm का इश्यू प्राइस 2150 रुपये था, जबकि अभी यह 692 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. यानी यह आईपीओ प्राइस से 68 फीसदी डिस्काउंट पर है.
12 मई 2022 इसके शेयर का भाव 511 रुपये था जोकि इसका ऑल टाइम निचला स्तर है. वहीं रिकॉर्ड हाई लेवल की बात करें तो यह 1955 रुपये के भाव तक पहुंचा है लेकिन यह अपने इश्यू प्राइज (2150 रुपये) को कभी छू नहीं पाया. लिस्ट होने के बाद से ही यह शेयर दबाव में रहा है.
पेटीएम जब आईपीओ लेकर आई थी तब उसका मार्केट कैपिटाईजेशन 1,39,000 करोड़ रुपये था लेकिन मार्च 2022 में यह घटकर 38000 करोड़ रुपये के करीब आ गया था. यानि आईपीओ लॉन्च होने के समय से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैपिटाईजेशन घट चुका था.
26 जुलाई को इसमें बड़ी गिरावट देखने को मिली, शेयर 9 फीसदी टूटकर 692 रुपये के भाव बंद हुए थे.
PB Fintech : 60 फीसदी से भी ज्यादा टूटे शेयर के दाम
PB Fintech पॉलिसी बाजार की पेरेंट कंपनी है. यह पिछले साल नवंबर में अपना आईपीओ लेकर आई थी. इस कंपनी का शेयर 15 नवंबर 2021 को बाजार में लिस्ट हुआ था. कंपनी ने आईपीओ के लिए शेयर का भाव 980 रुपये रखा था, जबकि इसकी लिस्टिंग बढ़त के साथ 1444 रुपये पर हुई. लिस्टिंग डे पर यह 23 फीसदी बढ़त के साथ 1203 रुपये पर बंद हुआ.
PB Fintech का शेयर अपने रिकॉर्ड हाई से लगभग 64 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. 17 नवंबर 2021 को इस शेयर ने अपना हाई रिकॉर्ड (1470 रुपये) बनाया था. वहीं इस शेयर का लो रिकॉर्ड 455 रुपये है जो 27 जुलाई 2022 को बना.
Nykaa : हाई और लो प्राइज के बीच 50 फीसदी का अंतर
पिछले साल नवंबर में ई-कॉमर्स कंपनी Nykaa की पैरेंट कंपनी एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स लिमिटेड (FSN E-Commerce Ventures Ltd) ने भी अपना आईपीओ लॉन्च किया था. मार्केट में पहले दिन (10 नवंबर 2021 को) इस कंपनी के एक शेयर की कीमत 2,205 रुपये थी, जो 27 जुलाई को गिरकर 1,453.15 रुपये पर आ गई है.
Nykaa के शेयर ने 26 नवंबर 2021 को अपना हाई रिकॉर्ड (2,574 रुपये) बनाया था जबकि इस साल 12 मई को इसने अपना ऑल टाइम लो रिकॉर्ड (1208 रुपये) का बनाया था.
मार्केट में CAR TRADE को नहीं मिला बेहतर 'एवरेज'
पिछले साल अगस्त में CAR TRADE की लिस्टिंग हुई थी. आईपीओ में शेयर का भाव 1618 रुपये तय किया गया था. 20 अगस्त 2021 को यह शेयर स्टॉक एक्सचेंजों में करीब 1580 रुपये पर लिस्ट हुआ था. इस समय इस शेयर की कीमत 672 रुपये के आस-पास है. इस शेयर ने 60 फीसदी के आस-पास गिरावट दर्ज की है.
20 अगस्त 2021 को कार ट्रेड के शेयर ने अपना ऑल टाइम हाई रिकॉर्ड (1610 रुपये का) बनाया था. वहीं इस साल 24 फरवरी को इसने अपना लो रिकॉर्ड (462 रुपये का) बनाया था.
आर्थिक तंगी की वजह से Byju’s ने की छंटनी!
बायजू (Byju's) दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनी में से एक है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार यूनिकॉर्न कंपनी बायजू (Byju's) ने 2500 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की है. बायजूस ने Toppr, WhiteHat Jr और सेल्स एंड मार्केटिंग, ऑपरेशंस, कंटेंट और डिजाइन टीमों से फुल-टाइम और कॉन्ट्रैक्ट वाले कर्मचारियों को निकाला है.
Toppr और WhiteHat Jr को बायजू ने पिछले दो साल में खरीदा था.
अगस्त 2020 में बायजू ने वाइटहैट जूनियर (WhiteHat Jr) को 30 करोड़ डॉलर में खरीदा था. जून 2022 में वाइटहैट लगभग 300 फुल टाइम कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स को दी गई जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में कंपनी को 1690 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 483.9 करोड़ रुपये रहा जबकि कुल खर्च बढ़कर 2175.2 करोड़ रुपये पहुंच गया था.
इससे भी ज्यादा चौंकाने की वाली बात यह है कि पिछले कुछ महीनों में Unacademy Group, Lido Learning, Vedantu समेत कई एडटेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छंटनी की है. इस साल कई दिग्गज एडटेक कंपनियां कॉस्ट कटिंग के नाम पर 5000 से भी ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी हैं.
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