गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एमआईएएल) में 74 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली है जो भारत का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. इस संबंध में अडानी ग्रुप और जीवीके ग्रुप में एक समझौता हो गया है. लेनदेन के तहत अडानी ग्रुप जीवीके ग्रुप की 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी एक्वायर करेगा. इसके अलावा, अडानी ग्रुप एयरपोर्ट कंपनी ऑफ साउथ अफ्रीका (ACSA) और बिडवेस्ट की 23.5 फीसदी हिस्सेदारी का भी अधिग्रहण करेगा. ACSA और Bidvest की मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) में 10 और 13.5 फीसदी हिस्सेदारी है.
हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट अडानी ग्रुप को लीज पर देने का ऐलान किया था. पिछले साल ग्रुप ने ये बोली जीती थी. अब मुंबई एयरपोर्ट की कमान मिलने के बाद अडानी ग्रुप देश में GMR ग्रुप के बाद सबसे बड़ा प्राइवेट एयरपोर्ट ऑपरेटर बन गया है.
क्या मुश्किलें आ रही थीं?
अडानी ग्रुप के मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (MIAL) में मेजोरिटी हिस्सेदारी खरीदने की योजना में अड़चन आ रही थी, वैश्विक निवेशक अबु धाबी इंवेस्टमेंट अथॉरिटी (ADIA) और कनाडा के पब्लिक सेक्टर पेंशन (PSP) इंवेस्टमेंट ने केंद्र सरकार को इस मामले में खत भी लिखा था. MIAL मुंबई एयरपोर्ट का संचालन करती है और इसमें GVK ग्रुप मेजोरिटी शेयरहोल्डर है. अडानी ग्रुप इसी मेजोरिटी हिस्सेदारी को खरीदने के लिए GVK ग्रुप से बातचीत कर रही थी.
अदानी एंटरप्राइजेज ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा है कि
‘अदानी ग्रुप एयरपोर्ट्स कंपनी ऑफ साउथ एशिया (ACSA) और बिडवेस्ट MIAL की 23.5 परसेंट हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. इसके लिए अदानी ग्रुप को कॉम्पिटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) से मंजूरी भी मिल गई है’
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