अमेजन (Amazon) ने भारत के एंटीट्रस्ट रेगुलेटर CCI से रिलायंस को फ्यूचर रिटेल (Reliance-Future Deal) की 3.4 बिलियन डॉलर की खुदरा संपत्ति की बिक्री के लिए अपनी मंजूरी को रद्द करने के लिए कहा है. अमेजन ने आरोप लगाया है कि यह अवैध समझौता है.
सीसीआई को लिखे एक लेटर में, अमेजन ने कहा कि सौदे के लिए मंजूरी "कानून की नजर में शून्य" थी क्योंकि आर्बिट्रेटर का आदेश अभी भी लागू था.
अमेजन ने CCI से व्यक्तिगत सुनवाई की मांग की
अमेजन ने 24 नवंबर को लिखे लेटर में आदेश को कानून के शासन को खत्म करने का बेशर्म प्रयास बताया. अमेजन ने अपना मामला सुलझाने के लिए सीसीआई से व्यक्तिगत सुनवाई के लिए कहा है. ये लेटर से ऐसे समय में सामने आया है जब अमेजन भी आरोपों से जूझ रहा है, कि उसने फ्यूचर ग्रुप के साथ 2019 के सौदे के लिए एंटीट्रस्ट क्लीयरेंस की मांग करते हुए तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया और जानकारी छुपाई.
फ्यूचर ग्रुप डील को लेकर अमेजन-रिलायंस में क्यों विवाद?
रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप डील अगस्त 2020 में की गई थी, जिसे बाद में अमेजन ने सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में चुनौती दी थी. मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट की सब्सिडियरी रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी के नेतृत्व वाली फ्यूचर ग्रुप के बीच 27,513 करोड़ रुपये की डील हुई थी. इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप ने अपना सारा रिटेल कारोबार, होलसेल कारोबार, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस रिलायंस को बेचने दिया था.
इस डील में फ्यूचर रिटेल सुपरमार्केट चेन बिग बाजार, फूड सप्लाई यूनिट फूडहॉल, फैशन एंड क्लोद्स रिटेल फैक्टरी रिटेल रिलायंस के बेचने का ऐलान हुआ था.
किशोर बियानी के फ्यूचर रिटेल ने अमेजन के साथ 2019 में एक डील की थी. इस डील के मुताबिक, अमेजन ने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर कंपनी फ्यूचर कूपंस में 49% हिस्सा खरीदा था. अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच ये डील करीब 2000 करोड़ रुपये में हुई थी. इस डील के तहत ये भी तय हुआ था कि फ्यूचर रिटेल अपने प्रोडक्ट अमेजन के ऑनलाइन मार्केट प्लेस पर बेच पाएगा.
अमेजन का मानना है कि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच जो डील हुई है, उससे अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील की शर्तों का उल्लंघन हुआ है. कंपनी का मानना है कि रिलायंस के साथ डील किए जाने से पहले अमेजन को सूचित किया जाना चाहिए था.
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