बजाज ऑटो की कार को ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है. ये चार चक्के की गाड़ी है लेकिन परिभाषा के लिहाज से कार नहीं है क्वाड्रीसाइकिल है.
बजाज ऑटो की फाइल 6 साल से सरकार से मंजूरी के लिए अटकी पड़ी थी. पर सरकार किसी ना किसी वजह से हरी झंडी नहीं दे रही थी. इसी दौरान कई दूसरे देशों ने क्वाड्रीसाइकिल को मंजूरी दे दी. कंपनी के सूत्र कहते हैं कि अगले 3-6 महीने के भीतर ये गाड़ी क्यूट (Qute) बाजार में आ जाएगी.
बजाज के मुताबिक इस कार का कमर्शियल इस्तेमाल होगा.
बजाज का दावा है कि देखने में इस छोटी गाड़ी में बड़ी खूबियां हैं. जैसे सबसे कम CO2 उत्सर्जित करती है. इसके मुताबिक एक किलोमीटर में सिर्फ 66 ग्राम CO2 छोड़ती है, जो बाकी कारों से 37 फीसदी कम है.
6 साल पहले यानी 2012 में दिल्ली के ऑटो शो में कंपनी ने क्यूट को RE60 के नाम से पेश किया था. लेकिन मंजूरी न मिलने से बाजार में नहीं उतर पाई. इस बीच ये कार दक्षिण पूर्व एशिया समेत दुनिया के कई देशों में पॉपुलर हो गई.
बजाज Qute की खासियत
- इंजन- 216.6 सीसी
- वैरिएंट- पेट्रोल, सीएनजी व एलपीजी
- अधिकतम स्पीड- 70 किलोमीटर
- पीक पावर- 13.2 पीएस
- कार का वजन- 450 किलो (मौजूद किसी भी कार से 37% हल्की)
- माइलेज- 36 किलोमीटर प्रति लीटर
- टर्निंग रेडियस- 3.5 मीटर
- सेगमेंट कारों की तरह सभी सेफ्टी फीचर्स हैं
सबसे बड़ा सवाल यही है कि जिस बाजार में नैनो फेल हो चुकी हो वहां क्वाड्रीसाइकिल की सफलता की कितनी गुंजाइश है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस गाड़ी की कीमत 1.28 लाख के आसपास हो सकती है.
नैनो जब लॉन्च हुई थी उस वक्त भी उसके दाम सवा लाख रुपए के आसपास ही रखे गए थे, पावर के मामले में क्वाड्रीसाइकिल नैनो से बहुत पीछे है. टाटा की नैनो 500 सीसी की थी जबकि बजाज की गाड़ी सिर्फ 200 सीसी के आसपास है.
पहली बार क्वाड्रीसाइकिल सामने आई थी उसके बाद 6 साल निकल चुके हैं, अब हालात बदल चुके हैं, इलेक्ट्रिक रिक्शा अब बहुत पॉपुलर हो चुके हैं ऐसे में क्वाड्रीसाइकिल के लिए मार्केट में जगह है या नहीं ये बहुत रोचक है.
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