बैंकों को अब कस्टमर के लोन बंद होने के 15 दिनों के अंदर उनके डॉक्यूमेंट वापस करने होंगे. कर्ज लौटा चुके ग्राहकों की ओर से अक्सर शिकायतें आती हैं तो लोन बंद होने के बावजूद बैंकों ने उनके लोन या सिक्योरिटी से जुड़े दस्तावेजों को वापस नहीं लौटाया है.
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक अब लोन बंद होने के 15 दिनों के भीतर बैंकों को ग्राहकों का डॉक्यूमेंट वापस करना पड़ेगा. बैंकों की ओर से दस्तावेज न देने पर ग्राहकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कहा है कि बैंक लोन बंद होने के बाद ग्राहकों के डॉक्यूमेंट रोक कर नहीं रख सकते. उन्हें हर हाल में 15 दिनों के अंदर इन्हें वापस करना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा,बैंक 15 दिनों से ज्यादा डॉक्यूमेंट नहीं रख सकते
सीतारमण के इस ऐलान के बाद उन लोन कस्मटर्स ने राहत महसूस की है, जिनके दस्तावेज बैंकों के पास हैं. वित्त मंत्री ने यह भी कहा था कि लोन अप्लीकेशन की अब ऑनलाइन ट्रैकिंग भी हो सकेगी. इसका फायदा हाउसिंग लोन लेने वाले ग्राहकों को सीधे होगा. वे यह देख सकेंगे कि उनका लोन कहां अटका हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे हाउसिंग, क्रेडिट बढ़ाने, कार लोन के अप्लाई करने वाले सभी तरह के कस्टमर अपने लोन को ट्रैक कर सकेंगे. इस कदम से बैंकों और ग्राहकों के बीच ट्रांसपरेंसी बढ़ेगी.
निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को इकनॉमी के लिए राहत पैकेज का ऐलान करते हुए कहा था कि आने वाले दिनों में बैंक होम, कार और पर्सनल और दूसरे तरह के लोन सस्ता करेंगे. उन्होंने कहा था कि बैंक रेपो रेट में कटौती का फायदा लोन कस्टमर को देंगे.
उन्होंने कहा था कि सरकार ने बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं. वित्त मंत्री के मुताबिक होम फाइनेंस कंपनियों को नेशनल हाउसिंग बैंक के जरिये 20 हजार करोड़ की अतिरिक्त नकदी मुहैया कराएगी. इसके बाद उन्हें दी जाने वाली कुल समर्थन राशि 30 हजार करोड़ रुपये हो जाएगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)