ऐसा लग रहा है कि डिजिटल अभियान कमजोर पड़ने लगा है. डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए बने UPI और BHIM ऐप के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही है.
नोटबंदी के बाद सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए 31 दिसंबर 2016 को BHIM ऐप लॉन्च किया था, लेकिन तीन महीनों से BHIM के ट्रांजेक्शन में लगातार गिरावट सरकार की फिक्र बढ़ाने वाली है.
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के ताजा डेटा के मुताबिक, जनवरी के मुकाबले फरवरी में ट्रांजेक्शन बहुत कम हुआ है.
फरवरी में BHIM के तहत होने वाले ट्रांजेक्शन 8% कम होकर 1.28 करोड़ रह गए. इनकी रकम में 9% की गिरावट रही.
इसी तरह UPI ऐप में फरवरी ट्रांजेक्शन की तादाद तो ज्यादा नहीं गिरी, पर इनकी टोटल रकम में 3% की गिरावट आई है.
नोटबंदी के बाद अचानक से बाजार से कैश हटने के बाद सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया. यहां तक कि ट्रांजेक्शन में कैशफ्री रकम और गिफ्ट भी दिए जा रहे हैं. शुरुआत में तो पेमेंट ऐप का खूब इस्तेमाल हुआ, लेकिन अब लोग फिर से कैश में ही ट्रांजेक्शन करने को तरजीह देने लगे हैं.
BHIM एप नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डेवलप किया था, जिसका मकसद UPI के तहत इस एप के जरिए भारत में डिजिटल पेमेंट मतलब नॉन कैश पेमेंट को बढ़ावा देना था.
कंपिटीशन का भी असर
इसके अलावा BHIM और UPI दोनों ऐप का कंपिटीशन पेटीएम, फोनपे और गूगल पे ऐप से है और इनकी ताकत के सामने दोनों पिछड़ रहे हैं.
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक
- अगर QR कोड के इस्तेमाल को और बढ़ावा दिया जाता तो UPI और BHIM चैनल और ज्यादा लोग जुड़ते और इस्तेमाल करते
- कई लोगों के पास BHIM या UPI पेमेंट ऐप होने के बावजूद इनका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, इसलिए अगर सरकार इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाए, तो इसे ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सकता है.
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