वीडियो एडिटर:मोहम्मद इरशाद आलम
वीडियो प्रोड्यूसर: कनिष्क दांगी
दिग्गज निवेशक और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर, चेयरपर्सन रामदेव अग्रवाल से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास बातचीत की. जिसमें बाजार की तेजी और आने वाले बजट को लेकर उम्मीदों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई.
बाजार की तेजी को देखते हुए नए निवेशकों के सामने क्या कोई रिस्क है और उन्हें अभी के हालात में क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार के रुख के बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता. 50 हजार का इंडेक्स इतना बड़ा नहीं है जितना हौव्वा बना दिया गया है. मैं जब बाजार में आया तब 100 का इंडेक्स था. मेरे सामने 500 गुना बढ़ा है. ये हमेशा ऊपर नीचे होते रहता है. नए निवेशकों को डरने की जरूरत नहीं है. निवेश करना जारी रखें.
रामदेव अग्रवाल कैसे बना जाए, क्या है ट्रेड सीक्रेट?
स्टॉक वाइज न जाएं. अगर मैं एक स्टॉक की बात करूंगा कि मैंने इतना बनाया तो आपको जलन होगी. लेकिन जब पोर्टफोलियो को देखें तभी पता चलेगा. फरवरी में 2000 वैल्यू 1100 हो गया था लेकिन फिर बाद में वो सही हुआ. स्टॉक ऊपर नीचे होते रहते हैं. मायने पूरा पोर्टफोलियो ही रखता है.
अच्छे स्टॉक चुनने के लिए नए इंवेस्टर क्या करें?
डिजिटल केवाईसी होने की वजह से नए निवेशकों की संख्या बढ़ने वाली है. 80-90 के दशक में जब हमने काम शुरू किया था, तब अच्छे म्यूचुअल फंड नहीं थे. आप अच्छे म्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं. जिससे मार्केट में आपकी एंट्री हो जाएगी. आप फंड मैनेजर भी रख सकते हैं. आपको यहां हर दिन सीखना है. आपको खुद का पोर्टफोलियो बनाना होगा. मेहनत और थोड़ी पढ़ाई करनी पड़ेगी. थोड़ा सा कॉमन सेंस इस्तेमाल करना पड़ेगा. बाजार में एक अच्छी कंपनी के बराबर चार खराब कंपनियां हैं. दोनों में फर्क पहचानने के लिए थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी.
आने वाले सालों में इकनॉमी तेज रफ्तार से रिकवर करेगी और बाजार उसके सामने धीमा रहेगा, क्या ये थ्योरी सही है?
जरुरी नहीं है कि ऐसा हो. बाजार एक अलग ही चीज है. आप जितना सोचेंगे उससे अलग ही है. ऐसा भी हो सकता है कि मार्च से लेकर मार्च तक बाजार 100% ऊपर रहे. अप्रैल में 8000 से शुरू हुआ बाजार अभी 14 हजार पर है. पिछले 20-25 सालों में देखें तो 2021 कोविड प्रभावित साल है. लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट परफॉर्मेंन्स का साल है. तो हो सकता है कि अगले साल अब तक का सबसे बड़ा जीडीपी का ग्रोथ हो और बाजार नीचे चला जाए. लेकिन मेरे खयाल से बाजार अच्छा रहेगा.
इस बार बजट को लेकर किस तरह से इंतजार है?
पहले डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स में बहुत ज्यादा फेरबदल होता था. अब इनडायरेक्ट टैक्स पूरा जीएसटी कॉउंसिल के पास चला गया है. स्लैब भी फिक्स हैं. थोड़े बहुत बदलाव होते रहते हैं. उसमें उतना ज्यादा उत्साह रहा नहीं है. अभी सिर्फ थोड़ा सा उत्साह है कि सरकार का आउटले क्या होगा. सरकार का इकनॉमी में रीइन्वेस्टमेंट कितना होगा. इस बार पहली बार इतिहास में सरकार की उम्मीद से ज्यादा रेवेन्यू आएगा.
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