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Budget 2022: म्यूचुअल फंड में टैक्स और शेयर बाजार को लेकर बजट से क्या उम्मीद है?

"सरकार को लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स हटा देना चाहिए"

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Budget Expectation: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को यूनियन बजट 2022 पेश करने वाली है. देश के सभी लोगों की नजर इस इवेंट पर होगी. अलग-अलग इंडस्ट्री की बजट से कई उम्मीदें हैं जिसमें शेयर मार्केट भी शामिल है. आइए देखते हैं मार्केट के एक्सपर्टस इस बजट से क्या उम्मीद कर रहे हैं-

"लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगाने से निवेशकों का कॉन्फिडेंस कम हुआ है. भारत में सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को सरकार द्वारा छूट दी जानी चाहिए. प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में LTCG टैक्स नहीं है. स्टॉक एक्सचेंज के जरिए निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार इस लेवी को खत्म करने पर विचार कर सकती है."
Tax2Win, अपने बजट एक्सपेक्टेशनस में

अभी 1 लाख रूपये से ज्यादा के लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन पर 10% टैक्स लगाया जाता है. साल 2018 से पहले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन) पर किसी भी तरीके का टैक्स नहीं देना पड़ता था. इक्विटी शेयरों की बिक्री आलरेडी सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (STT) के दायरे में आती है.

आपको बता दें कि जब आप इक्विटी फण्ड को डेट ऑफ परचेस ( वो तारीख जिस दिन उसे खरीदा गया) से एक साल से ज्यादा के समय के लिए होल्ड करते हैं और फिर उसे बेचते हैं तो आपके कैपिटल गैन को लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन कहा जाएगा.

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Finsto के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर राजन पाठक का मानना है कि अभी के समय कंट्री और एसेट एलोकेशन काफी जरूरी है, ऐसे में हमें गवर्नमेंट से उम्मीद है कि वो इन्वेस्टमेंट पर एनम की लिमिट को बढ़ाये. सरकार ने पिछले साल फॉरेन इन्वेस्टमेंट के लिए 5% TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) लगाया, इंडिया के बाहर निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए यह एक बाधा है. हम बजट से उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार TCS को या तो पूरी तरीके से हटा दें या पहले से कम करें, क्योंकि इसका असर इन्वेस्टर्स के रिटर्न पर पड़ता है.

7 प्रॉसपर के फाउंडर अनमोल गुप्ता बजट से उम्मीदों पर कहते हैं कि- अभी सेविंग अकाउंट पर दस हजार रूपये तक के इंटरेस्ट पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. हमारे अनुसार सरकार को यही सुविधा म्यूच्यूअल फण्ड और डेट पर भी देनी चाहिए, ताकि नए निवेशकों को भी म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में पता चले और वो कम पैसों के साथ इसका एक्सपीरियंस ले सके. इससे मार्केट में उनकी भागीदारी बढ़ेगी.

म्यूच्यूअल फण्ड इंडस्ट्री की बजट से क्या उम्मीदें है, इसपर बात करते हुए अनमोल गुप्ता कहते हैं-

अभी म्यूच्यूअल फण्ड में जो स्विच ट्रांसक्शन होता (किसी एक फण्ड हॉउस के अंदर एक स्कीम से दूसरी स्कीम में ट्रांसफर) है, सरकार उसे दो ट्रांसक्शन की तरह ट्रीट करती है (रिडीम्प्शन और परचेस). रिडीम्प्शन पर शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन टैक्स लगाया जाता है. सरकार को इसे एक ही ट्रांसक्शन के रूप में देखना चाहिए और रिडीम्प्शन पर लगने वाले टैक्स को हटा देना चाहिए.

अनमोल गुप्ता ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन पर कहा कि 2018 में सरकार सरकार द्वारा जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गैन पर टैक्स लगाना वाला प्रावधान किया गया था, उसे सरकार को हटा देना चाहिए. इससे निवेशकों को लम्बी अवधि के लिए निवेश करने का मोटिवेशन मिलेगा.

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