नरेश गोयल के जेट एयरवेज के बोर्ड से हटने के बाद एयरलाइंस बैंकों ने एयरलाइंस को 1500 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड जारी कर दिया है. इससे ग्राउंड हुए इसके विमान दोबारा उड़ान भर सकेंगे और इससे सीट कैपिसिटी बढ़ जाएगी. इसका सीधा असर विमान किरायों पर पड़ेगा. जेट के विमानों और इंडिगो की कुछ उड़ानों पर रोक के बाद आखिरी वक्त के टिकटों के दाम 50 से 100 फीसदी तक बढ़ गए थे.
इमरजेंसी फंड से जेट एयरवेज को मिलेगी राहत
नरेश गोयल के जेट एयरवेज के बोर्ड से हटने के बाद बैंकों ने एयरलाइंस को 1500 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड जारी कर दिया है. इससे ग्राउंड हुए इसके विमान दोबारा उड़ान भर सकेंगे और इससे सीट कैपिसिटी बढ़ जाएगी. इसका सीधा असर टिकटों के दाम पर पड़ेगा. जेट के विमानों और इंडिगो की कुछ उड़ानों पर रोक के बाद आखिरी वक्त के विमान किराये 50 से 100 फीसदी तक बढ़ गए थे.
जेट एयरवेज के विमानों के ग्राउंड होने के बाद पिछले एक महीने के दौरान दस लाख फ्लाइट सीटें घट गई थीं. जनवरी में फ्लाइट सीटों की संख्या 1.47 करोड़ थी लेकिन फरवरी में यह घट कर 1.34 करोड़ रह गई. यानी लगभग 13 लाख सीटों की कमी हो गई. फ्लाइट्स की कमी से टिकट कैंसिलेशन की संख्या भी काफी बढ़ गई. इससे पहले बोइंग 737 मैक्स विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से स्पाइसजेट के 12 मैक्स 737 विमानों की उड़ान पर रोक लगा दी गई थी. इंडिगो के पायलटों की हड़ताल की वजह से भी इसके कुछ विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे. इससे हालात और खराब हुए और टिकटों के दाम बढ़ गए. कैंसिलेशन भी काफी बढ़ गए.
संकट टलने की वजह से राहत की उम्मीद
इन सारे हालातों ने सीट कैपिसिटी और घटा दी. अब जबकि जेट एयरवेज का संकट फिलहाल टलता दिख रहा है तो विमान किराये अपने पुराने स्तर पर आ सकते हैं. बैंक अब जेट एयरवेज के खरीदारों की तलाश में है. उम्मीद है दो महीने के बाद जेट को खरीदार मिल जाएंगे.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)