क्रिप्टोकरेंसी बाजार की वॉलिटेलिटी थमने का नाम नहीं ले रही है. 64,800 डॉलर के पास अपना शिखर बनाने के बाद जिस तेजी से Bitcoin नीचे आता दिखा था, अब उसी रफ्तार से इसके फिर बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं क्रिप्टो बाजार और खासकर बिटकॉइन के भाव में हालिया उतार चढ़ाव पर-
47,000 डॉलर के करीब पहुंच गया था बिटकॉइन का भाव:
14 अप्रैल को 64,863 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद विश्व के इस सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. 11 दिनों में ही बिटकॉइन करीब 27% टूटकर एक समय व्यापार में 47,159 के भाव तक पहुंच गया था. यह सात हफ्तों में बिटकॉइन का न्यूनतम स्तर भी रहा. 18 अप्रैल को बिटकॉइन एक ही दिन में 14% के करीब गिरा था. यह फरवरी के बाद एक दिन में (इंट्रा-डे) इस करेंसी में सबसे बड़ी गिरावट थी.
उछाल से फिर 50,000 डॉलर के पार कीमत
बड़ी गिरावट के बाद एक बार फिर बिटकॉइन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. 26 अप्रैल को सुबह 3 बजे 47,200 के स्तर के करीब होने के केवल 8 घंटों के भीतर व्यापार में अब यह करेंसी करीब 10% चढ़कर 52,300 के पास है. यह बिटकॉइन में 13 मार्च के बाद सबसे बड़ी इंट्रा डे उछाल है. तेजी से इस करेंसी ने एक बार फिर 50,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर भी हासिल कर लिया है.
Bitcoin की तरह ही इथेरियम और बाइनेंस कॉइन की भी कीमतों में भी बड़ी उछाल देखी जा रही है.
क्या है इस बड़ी तेजी की वजह?
Bitcoin में कमजोरी के बाद निवेशकों को सही वैल्यूएशन पर इस करेंसी में निवेश का अच्छा मौका मिल गया. बिटकॉइन की कीमतों में बड़ी उछाल की सबसे बड़ी वजह यही है. इससे पहले फरवरी में भी शिखर प्राप्त करने के बाद बिटकॉइन केवल एक हफ्ते में 26% टूटा था. फिर संभलकर नए रिकॉर्ड भी बनाए. ऐसे में निवेशकों को उम्मीद है कि फिर ऐसा जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है.
अप्रैल के दूसरे हफ्ते में क्रिप्टो एक्सचेंज 'कॉइनबेस' के अच्छे लिस्टिंग की खबर ने बिटकॉइन को अपने नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने में मदद दी थी. जानकार का मानना है कि अच्छी लिस्टिंग से क्रिप्टोकरेंसी की स्वीकार्यता को और दम मिला है और आगे भी क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में माहौल बनेगा.
गिरावट की क्या रही थी वजह?
रिकॉर्ड स्तर को छूने के बाद बिटकॉइन कीमत में गिरावट की कई वजहें रही थी. चीन के शिनजियांग क्षेत्र में पावर कट की खबर से निवेशकों में डर के बीच करेंसी के सेल-ऑफ में तेजी आई थी. तुर्की सेंट्रल बैंक द्वारा देश में क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान के माध्यम के तौर पर बैन का भी बाजार पर असर रहा था. US ट्रेजरी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी व्यापार में संलग्न फाइनेंशियल कंपनियों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग की संभावित कार्रवाई की खबर ने भी इन्वेस्टर्स के सेंटीमेंट पर प्रभाव डाला था.
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