भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 20 दिसंबर को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Talace Private Limited) द्वारा एयर इंडिया (Air India) में हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. टैलेस प्राइवेट लिमिटेड टाटा संस (Tata Sons) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है.
साथ ही रेगुलेटर- CCI- ने टैलेस द्वारा एयर इंडिया में शेयरों के अधिग्रहण के साथ-साथ एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया SATS एयरपोर्ट सर्विसेज में हिस्सेदारी अधिग्रहण को भी मंजूरी दी है.
₹18,000 करोड़ में टाटा ने जीती थी नीलामी
सरकार ने 8 अक्टूबर को घोषणा की थी कि टैलेस ने कर्ज में डूबी एयरलाइन- एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के लिए बोली जीती है. टाटा ने 18,000 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाकर स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को पछाड़ दिया.
इसके बाद 25 अक्टूबर को भारत सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश के लिए टाटा संस के साथ शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो अब तक पूरी तरह से सरकार के स्वामित्व में थी.
इस महीने की शुरुआत में, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयर इंडिया का टाटा संस को हस्तांतरण अगले 1 से 1.5 महीनों में पूरा हो जाएगा.
गौरतलब है कि टैलेस टाटा संस की एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. यह एक निवेश होल्डिंग कंपनी है जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ एक मुख्य निवेश कंपनी के रूप में पंजीकृत है.
एयर इंडिया के विक्रय के बाद किसके हाथ क्या आएगा ?
शेयर खरीद समझौते के अनुसार एयर इंडिया का ₹46,262 करोड़ का कर्ज एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित किया जाएगा और टाटा समूह कुल कर्ज का 15 प्रतिशत (₹61,562 करोड़) अपने पास रखेगा.
दूसरी तरफ सरकार को टाटा से लगभग ₹2,700 करोड़ नकद मिलेंगे और ₹15,300 करोड़ का कर्ज भी.
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