मोदी सरकार ने हर साल दो करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करने का वादा किया था. मंदी के कारण लाखों की नौकरियां जा रही हैं. अब इकनॉमिक सर्वे 2019-20 में सुझाव दिया गया है कि अगर हम चीन का मॉडल अपना लें तो 2025 तक चार करोड़ नौकरियां पैदा की जा सकती हैं और 2030 तक 8 करोड़ नौकरियां दी जा सकती हैं.
सर्वे पर बोलते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा कि वेल्थ क्रिएशन के लिए बाजार की ताकतों पर भरोसा करना चाहिए और ऐसी नीतियां होनी चाहिए जो कारोबारियों की मदद करें. इसी के साथ इकनॉमी प्रक्रिया से आम आदमी को जोड़ना चाहिए और बैकिंग सेक्टर को बढ़ावा देना चाहिए.
इकनॉमिक सर्वे के मुताबिक अगर हम मेक इन इंडिया में एसेंबल इन इंडिया को भी जोड़ लें तो भारत में चीन की तरह बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा की जा सकती हैं. सलाह ये भी दी गई है कि नेटवर्क प्रोडक्ट का निर्यात करके हम 5 ट्रिलियन डॉलर की इकनॉमी के लक्ष्य को भी पा सकते हैं.
इकनॉमिक सर्वे में इसे असेंबल इन इंडिया फॉर वर्ल्ड नाम दिया गया है. सर्वे का सुझाव है कि इस नीति को अपना कर हम अपना निर्यात 2025 तक 3.5% और 2030 तक 6% निर्यात बढ़ा सकते हैं...इसके साथ ही नौकरियां भी पैदा कर सकते हैं.
इकनॉमिक सर्वे 2020 में FY21 के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6-6.5% जताया गया है. इकनॉमिक सर्वे में माना गया है कि इस साल रेवेन्यू में कमी के चलते सरकार को इस साल फिस्कल डेफिसिट के मोर्चे पर कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. सरकार का मानना है कि फूड सब्सिडी में कटौती से डेफिसिट कम किया जा सकता है.
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