चीन ने भारत से कहा है कि वो उसकी दूरसंचार क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हुवावे को देश में कारोबार करने से ना रोके. इसके साथ ही चीन ने चेतावनी दी है कि अगर भारत ने हुवावे को प्रतिबंधित किया तो चीन में मौजूद भारतीय कंपनियों को भी इसके नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.
चीन की यह चेतावनी ऐसे समय में सामने आई है, जब हुवावे को अमेरिका ने प्रतिबंधित किया हुआ है. जहां एक तरफ कहा जा रहा है कि अमेरिका ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से यह कदम उठाया है. वहीं दूसरी तरफ इसे अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर की एक कड़ी के तौर पर भी देखा जा रहा है. अब अमेरिका दूसरे देशों पर भी हुवावे के ऑपरेशन को रोकने के लिए दबाव डाल रहा है.
केंद्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, भारत अपना 5जी नेटवर्क विकसित करने की योजना बना रहा है. हालांकि भारत ने अभी यह फैसला नहीं लिया है कि वह चीन की कंपनी को 5जी परीक्षण में हिस्सा लेने की अनुमति देगा या नहीं.
रॉयटर्स ने दो सूत्रों के हवाले से बताया है कि बीजिंग में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री को 10 जुलाई को चीनी विदेश मंत्रालय में बुलाया गया था. इस दौरान चीन ने दुनियाभर में 5जी मोबाइल इन्फ्रास्ट्रक्चर से हुवावे को बाहर रखने के लिए अमेरिकी अभियान पर चिंता जताई. इसके साथ ही चीनी अधिकारियों ने कहा था कि अगर अमेरिकी दबाव में भारत ने हुवावे को प्रतिबंधित किया तो इसके जवाब में चीन में मौजूद भारतीय कंपनियों पर भी प्रतिबंध लग सकते हैं.
हालांकि चीन ने 6 अगस्त को उम्मीद जताई कि हुवावे को देश में 5जी परीक्षण और सेवाओं की अनुमति देने पर भारत स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से फैसला करेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन इस बात को लेकर चिंतित है कि भारत हुवावे को 5जी परीक्षण में हिस्सा लेने से रोक सकता है, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ''हुवावे लंबे समय से भारत में काम कर रही है और उसने वहां आर्थिक और सामाजिक विकास में अहम योगदान दिया है. जहां तक चीन की कंपनी के 5जी परीक्षण में भाग लेने का सवाल है, हमें उम्मीद है कि भारत इस पर स्वतंत्र और निष्पक्ष होकर फैसला करेगा.''
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