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चोकसी ने हॉन्ग कॉन्ग की कंपनियों के जरिए किया PNB लोन का गबन: CBI

सीबीआई ने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में मेहुल चोकसी पर बड़े आरोप लगाए हैं

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भगोड़ा कारोबारी मेहुल चोकसी हॉन्ग कॉन्ग में अपने नियंत्रण वाली कंपनियों के जरिए ''धोखाधड़ी का कारोबार'' चला रहा था और इन कंपनियों के जरिए उसने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से कर्ज के रूप में लिए गए करीब 6345 करोड़ रुपये का गबन किया, सीबीआई ने धोखधड़ी मामले में अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ये आरोप लगाए हैं.

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सीबीआई का कहना है कि चोकसी ने अपने कर्मचारियों को हॉन्ग कॉन्ग स्थित शनायाओ गोंग सी लिमिटेड, 4सी डायमंड डिस्ट्रीब्यूटर्स और क्राउन ऐम का निदेशक बनाया और वह उन्हें नियंत्रित कर रहा था. चोकसी ने इन कंपनियों से ताजे पानी से मिलने वाले मोती की खरीद का बहाना बनाकर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 6345 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.

एजेंसी ने आरोप लगाया कि चोकसी द्वारा प्रमोट की गई गीतांजलि जेम्स पर एस्टन लग्जरी हॉन्ग कॉन्ग का नियंत्रण था, जो क्राउन ऐम की होल्डिंग कंपनी है. चोकसी गीतांजलि जेम्स के साथ साथ एस्टन लग्जरी, हॉन्ग कॉन्ग का निदेशक था.

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीबीआई ने चोकसी और 21 अन्य के खिलाफ सबूत बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि हीरा व्यापारी के देश छोड़ने के एक महीने बाद, गीतांजलि जेम्स द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को दिए गए मूल आवेदन को बैंक के एक अधिकारी की मिलीभगत से गायब करने के इरादे से शिफ्ट कर दिया गया था.

यह दावा करते हुए कि चोकसी को उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही के बारे में पहले से भनक थी, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चोकसी ने दिसंबर 2017 में हॉन्ग कॉन्ग का दौरा किया, अपनी आपूर्तिकर्ता संस्थाओं के डमी निदेशकों से मुलाकात की और उन्हें भारत में गीतांजलि ग्रुप के सामने समस्याओं से अवगत कराया. सीबीआई के मुताबिक, चोकसी ने उनसे कहा कि उन्हें ईडी की जांच का सामना करना पड़ सकता है.

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'चोकसी की कंपनियों ने किया फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग का इस्तेमाल'

सीबीआई की जांच से सामने आया है कि चोकसी के स्वामित्व वाली कंपनियों ने कथित रूप से फर्जी वचन पत्रों (लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग) और विदेशी साख पत्रों (फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट) का इस्तेमाल कर पीएनबी से 6344.96 करोड़ रुपये हासिल किए. सीबीआई ने पिछले हफ्ते मुंबई में एक विशेष अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट में ये बातें कही हैं. एजेंसी ने कहा कि पीएनबी के कर्मचारियों ने कथित रूप से चोकसी से हाथ मिलाकर बैंक के साथ बेईमानी की.

एजेंसी के अनुसार पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा (मुंबई) में अधिकारियों ने मार्च-अप्रैल 2017 के दौरान 165 वचन-पत्र (एलओयू) और 58 विदेशी साख पत्र (एफएलसी) जारी किए थे जिनके आधार पर 311 बिलों में छूट दी गई. बिना किसी पाबंदी सीमा या नकदी सीमा के चोकसी की कंपनियों को ये पत्र जारी किए गए.

एलओयू, बैंक द्वारा उसके ग्राहक की ओर से किसी विदेशी बैंक को दी गई गारंटी होती है. अगर ग्राहक विदेशी बैंक को पैसा नहीं लौटाता तो देनदारी गारंटर बैंक की होती है.

सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आरोप हैं, ‘‘जब आरोपी कंपनियों ने कथित फर्जी एलओयू और एफएलसी के आधार पर अर्जित राशि का भुगतान नहीं किया तो पीएनबी ने विदेशी बैंकों को बकाया ब्याज समेत 6,344.97 करोड़ रुपये का भुगतान किया.’’

पीएनबी ने चोकसी पर उसके साथ 7,080 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि मामले में अभी जांच चल रही है और बैंक को हुए नुकसान का अंतिम आंकड़ा सारे एलओयू के अध्ययन और जांच पूरी होने के बाद ही पता चल सकता है.

चोकसी और उसकी कंपनियों के खिलाफ मामले में पहली चार्जशीट दायर किए जाने के तीन साल से ज्यादा समय बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट ऐसे समय में दायर की गई है जब भगोड़े हीरा कारोबारी चोकसी के खिलाफ डोमिनिका की अदालत में कानूनी कार्यवाही चल रही है. चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा से रहस्यमयी तरीके से गायब होने के बाद 24 मई को डोमिनिका में अवैध प्रवेश के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

बता दें कि चोकसी पीएनबी घोटाला सामने आने से कुछ हफ्ते पहले जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गया था और तब से एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा था.

(PTI के इनपुट्स समेत)

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