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कोरोनाकाल में बढ़ी CEO की सैलरी, जानें क्यों मिड लेवल कर्मचारी की सैलरी घटी ?

CEO को वित्त वर्ष 2021 में मिड लेवल कर्मचारियों के मुकाबले 184 गुना ज्यादा सैलरी मिली

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पिछले दो सालों में कोरोना (Covid 19) काल में जहां कई लोगों ने नौकरियां गंवाई, वहीं भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में काम करने वाले बड़े अधिकारियों की कमाई में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी गई है. देश की टॉप कंपनियों में CEO और मैनेजर की सैलरी में वृद्धि हुई है, तो वहीं मिडिल ग्रुप एंप्लॉय की औसत सैलरी में गिरावट देखने को मिली है.

सीईओ की औसत सैलरी पिछले दो सालों में 2.6 प्रतिशत बढ़ी है, जो 2018-19 में 11.51 करोड़ रुपये से बढ़कर 2020-21 में 11.81 करोड़ रुपये हो गई.

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हालांकि, इन कंपनियों में मिड लेवल कर्मचारियों का वेतन अभी भी महामारी के पहले के स्तर से 0.5 प्रतिशत कम है.

मिड लेवल कर्मचारियों की सैलरी घटी

इन शीर्ष कंपनियों में सामान्य और मिड लेवल कर्मचारी ने वित्त वर्ष 2021 में 6.4 लाख रुपये कमाए, जो कि वित्त वर्ष 2019 में 6.44 लाख रुपये से कम था. नतीजतन महामारी के दौरान कॉर्पोरेट क्षेत्र में आय असमानता बढ़ गई. यह कॉर्पोरेट क्षेत्र में CEO की सैलरी और औसत कर्मचारी की सैलरी में बढ़ते अंतर को दर्शाता है.

कॉर्पोरेट ट्रैकर primeinfobase.com के डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि एक CEO ने वित्त वर्ष 2021 में 11.81 करोड़ रुपये का वेतन लिया जो कि मिड लेवल कर्मचारी के वेतन 6.4 लाख के मुकाबले 184 गुना है. यह अनुपात 2019-20 में 174.3 गुना और वित्त वर्ष 19 में 179 गुना से ज्यादा है.

यह विश्लेषण निफ्टी 100 इंडेक्स की 76 कंपनियों के सैंपल पर आधारित है. रिपोर्ट में सामने आया कि कैसे मिड लेवल कर्मचारियों के मुकाबले अधिक सैलरी पाने वाले अधिकारियों की वेतन में बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्षों की तुलना में यह आंकड़ा बढ़ रहा है.

CEO और मिड लेवल कर्मचारी की सैलरी में जमीन-आसमान का अंतर

कोरोना काल में CEO की सैलरी और आम कर्मचारी की सैलरी में भारी अंतर देखने को मिला है.

  • Divis Laboratories में आय असमानता सबसे अधिक स्पष्ट है. वित्त वर्ष 2021 में सीईओ का कंपनसेशन 80.84 करोड़ रुपये था. वहीं मध्य स्तर के कर्मचारियों की सैलरी 4.5 लाख रुपये थी. CEO की सैलरी मिड लेवल कर्मचारी की तुलना में 1800 गुना अधिक थी.

  • इसके बाद Wipro है. जहां वित्त वर्ष 2021 में सीईओ का वेतन 64.35 करोड़ रुपये था, जो कि मिड लेवल कर्मचारी के 7.18 लाख की सैलरी का 896 गुना था.

  • Hero MotoCorp में वित्त वर्ष 2021 में सीईओ की सैलरी 86.93 करोड़ रुपये थी, जो कि मध्य स्तर के कर्मचारियों की 10.52 लाख की सैलरी का 826 गुना था.

Coal India में सबसे कम फर्क

कोल इंडिया (Coal India) में आय में असमानता सबसे कम है. यहां CEO की सैलरी वित्त वर्ष 2021 में 63.82 लाख थी. जबकि मिड लेवल कर्मचारी की सैलरी 17.14 लाख रुपये थी. कोल इंडिया में CEO और मिड लेवल कर्मचारी में मात्र 3.7 गुना का अंतर देखने को मिला.

CEO और मिड लेवल कर्मचारियों की सैलरी में अंतर क्यों?

CEO और मिड लेवल कर्मचारियों की सैलरी में अंतर का सबसे बड़ा कारण परफॉर्मेंस को माना जा रहा है. कोरोना काल में महामारी से परेशानियों के बावजूद कंपनी के बेहतर प्रदर्शन का फायदा CEO को हुआ है. हालांकि कंपनी के प्रदर्शन में कर्मचारियों का भी उतना ही योगदान होता है. लेकिन कोरोनाकाल में कर्मचारियों को इसका ज्यादा फायदा नहीं मिला.

कोरोना की शुरुआत में 2 करोड़ लोगों ने नौकरी गंवाई

CMIE के मुताबिक अप्रैल 2020 में कोरोना की शुरुआत में ही 1.77 करोड़ लोगों की नौकरी चली गई थी. हालांकि उसी साल जून में 39 लाख लोगों को नौकरी मिली भी, लेकिन उसी साल जुलाई में फिर 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई.

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