ADVERTISEMENTREMOVE AD

कच्चे तेल में सुधार, लेकिन दशक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की ओर

सऊदी अरब, ईरान और रूस के बीच प्राइस वॉर की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

कीमतों को लेकर मचे घमासान और कोरोनावायरस संक्रमण से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार को कच्चे तेल में चार फीसदी तक की तेजी रही. हालांकि, यह अभी भी एक दशक से ज्यादा की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट की राह पर बढ़ रहा है.

कच्चे तेल के कारोबार में शुक्रवार को भी उथल-पुथल जारी रही. शुरुआती कारोबार में ब्रेंट क्रूड और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट दोनों के वायदा भाव में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. हालांकि, एशियाई बाजारों में मध्याह्न कारोबार में दोनों की चाल में सुधार हुआ.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट चार फीसदी चढ़कर 33 डॉलर प्रति बैरल पर और ब्रेंट क्रूड 3.9 फीसदी उछलकर 34.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.

2008 के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट

शेयर बाजारों में तेजी तब आई जब अमेरिका की सेना ने इराक में हवाई हमले शुरू किए. इससे कच्चे तेल को मजबूती मिली. एशियाई शेयर बाजारों के गिरावट से उबरने और यूरोपीय शेयर बाजारों की ठोस शुरुआत से भी कच्चे तेल को समर्थन मिला.

हालांकि, साप्ताहिक आधार पर वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट में अभी भी 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट बनी हुई है. यह 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है. ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, ब्रेंट क्रूड में सप्ताह के दौरान करीब 25 फीसदी की गिरावट बनी हुई है.

कच्चा तेल के बड़े उत्पादक सऊदी अरब और रूस के बीच आपूर्ति सीमित करने को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद दोनों देशों में विवाद शुरू हो गए. इसके बाद सऊदी अरब ने जानबूझकर कच्चा तेल की कीमतें गिराने के लिए उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने की घोषणा कर दी. संयुक्त अरब अमीरात ने भी सऊदी अरब का साथ देते हुए उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने की बात की. इससे कच्चा तेल की कीमतें भरभरा गयीं और इनमें तीस फीसदी से ज्यादा की गिरावट आयी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×