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Diwali Muhurat Trading 2023: सेंसेक्स-निफ्टी दोनों में उछाल, जानें कैसा रहा मुहूर्त ट्रेड?

Diwali का मुहूर्त ट्रेडिंग 50 वर्षों से ज्यादा समय से चल रहा है, इसे शुभ माना जाता है, जो पूरे वर्ष समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है.

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बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में दिवाली के मौके पर 12 अक्टूबर को 'मुहूर्त ट्रेडिंग' हुआ. जिसमें सेंसेक्स 350 अंक से अधिक बढ़कर बंद हुआ, निफ्टी 19,525 के ऊपर बंद हुआ. इस मौके पर एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ दीनानाथ दुभाषी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे.

भारतीय व्यापारिक हलकों में, दिवाली का मुहूर्त ट्रेडिंग 50 वर्षों से ज्यादा समय से चल रहा है, इसे शुभ माना जाता है, जो पूरे वर्ष समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है.

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कैसा रहा शेयर-मार्किट का हाल ? 

विशेष ट्रेडिंग सत्र शाम 7:15 बजे समाप्त हुआ और इसमें निवेशकों की मजबूत भागीदारी देखी गई. जोरदार तेजी के बाद सेंसेक्स करीब 355 अंक बढ़कर 65,259 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 100 अंक बढ़कर 19,525.55 पर बंद हुआ.

विशेष कारोबारी सत्र के दौरान उतार-चढ़ाव के बावजूद शेयर बाजार में तेजी नजर आती रही. शाम करीब 6:35 बजे सेंसेक्स के सभी 30 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे.

विशेष कारोबारी सत्र के दौरान कोल इंडिया के शेयर सुर्खियों में रहे क्योंकि यह 3 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के बाद 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 336.70 रुपये पर पहुंच गया. शाम करीब 6:50 बजे, कोल इंडिया के शेयर 2.60 प्रतिशत बढ़कर 331.80 पर कारोबार कर रहे थे.

बीएसई लिमिटेड में एक मजबूत बढ़त देखी गई, जिसके शेयर एनएसई पर लगभग 8 प्रतिशत उछलकर 2,168.5 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गए. यह कंपनी के मजबूत Q2FY24 वित्तीय परिणामों के बाद आया, जिसमें शुद्ध लाभ (Net Profit) में चार गुना बढ़ोत्तरी होने पर कुल 118.4 करोड़ रुपये शामिल है.

शाम लगभग 6:55 बजे, बीएसई के शेयर 5.23 प्रतिशत बढ़कर 2,116 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.

मुहूर्त ट्रेडिंग क्या होता है ? 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) एक घंटे के विशेष ट्रेडिंग सत्र के लिए खुला, शाम 6:00 बजे से 7:15 बजे तक शुरू होने वाली विशेष ट्रेडिंग विंडो बाजार में सहभागियों को इक्विटी, कमोडिटी डेरिवेटिव, मुद्रा डेरिवेटिव, इक्विटी फ्यूचर और ऑप्शंस, और प्रतिभूति उधार और उधार (SLB) सहित विभिन्न बाजार क्षेत्रों में शामिल होने की अनुमति देती है.

दिवाली पर मुहूर्त ट्रेडिंग की प्रथा 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में शुरू हुई और बाद में 1992 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा इसे अपनाया गया.

हिंदू परंपराओं के मुताबिक, दिवाली की शाम को देवी लक्ष्मी की पूजा ग्रहों की स्थिति के कारण शुभ मानी जाती है, जो अनुभवी और नए दोनों निवेशकों को लाभदायक निवेश के लिए प्रेरित करती है.

शेयर बाजार में, उस दिन का मुख्य कार्यक्रम मुहूर्त ट्रेडिंग होता है, जहां ज्यादातर निवेशक लंबी अवधि के लिए स्टॉक में बने रहने की उम्मीद में शेयरों में निवेश करने की कोशिश करते हैं, जबकि कुछ अल्पकालिक ट्रेडों की तलाश करते हैं.

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