क्या आपने वित्त-वर्ष 2017-18 के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भर दिया है. अगर नहीं तो 31 दिसंबर, 2018 के बाद आईटीआर भरने पर आपको देरी के लिए दोगुना जुर्माना भरना पड़ेगा. जुर्माने की दोगुनी राशि 10,000 रुपये की होगी.
क्या था पुराना प्रावधान?
बता दें कि पहले असेसिंग ऑफिसर यह तय करता था कि देरी से आईटीआर भरने पर कितना जुर्माना लगेगा. हालांकि, बजट 2017 में इनकम टैक्स ऐक्ट में एक नया सेक्शन जोड़कर उसमें संशोधन कर दिया गया.
क्या है नया प्रावधान?
नए सेक्शन 234एफ के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स भरने की आखिरी तारीख बीत जाने के बाद रिटर्न (बीलेटेड आईटीआर) भरता है, तो इस स्थिति में उसे 10 हजार रुपये तक का जुर्माना देना होगा. हालांकि, जुर्माना कितना होगा, यह देरी की अवधि पर निर्भर करेगा.
पांच लाख रुपये से कम आय वालों को राहत
जिन करदाताओं की आय संबंधित वित्त वर्ष में पांच लाख रुपये से ज्यादा नहीं है, उनके लिए 31 मार्च 2019 तक बीलेटेड आईटीआर का जुर्माना 1,000 तक सीमित रहेगा.
मार्च तक होगा गलती सुधारने का मौका
आयकर रिटर्न भरने में अगर आपसे कोई गलती हो जाती है तो उसे उसी वित्तीय वर्ष में ही सुधारना होगा. ऐसे में इस वित्त वर्ष में आपको 31 मार्च 2019 तक यह मौका मिलेगा.
आयकर पर सेस में इस साल 1 फीसदी की वृद्धि की गई है. पहले 3 फीसदी सेस लगता था. बताया जा रहा है कि सेस में हुई इस बढ़ोतरी से मिली राशि शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च होगी.
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