मई में सोने के आयात में 49% का इजाफा हुआ है. मई में देश में 116 टन सोने का आयात हुआ. इसकी वजह ये मानी जा रही है कि अक्षय तृतीया पर जमकर सोने की खरीदारी हुई.भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, ऐसे में सोने के आयात में बढ़ोतरी से इंटरनेशनल लेवल पर इसकी कीमतों में इजाफा होगा लेकिन इससे रुपए पर दबाव बढ़ेगा और देश का व्यापार घाटा बढ़ेगा. बता दें कि पिछले तीन महीने से इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत उच्चतम स्तर पर बनी हुई है.
मई में मंगाया गया 3,307 करोड़ रुपए का सोना
इस साल मई में 3,307 करोड़ रुपए का सोना देश में मंगाया गया जबकि पिछले साल इसी महीने में 2,407 करोड़ रुपए के सोने का आयात हुआ था. पिछले साल देश में 78 टन सोने का आयात हुआ था. अक्षय तृतीया पर इस बार जमकर खरीदारी हुई क्योंकि दाम कम थे. इस त्यौहार में सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है. इस बार अक्षय तृतीया पर सोने की कीमत पांच महीने के न्यूनतम स्तर पर थी. इससे ज्वेलर्स को माल खरीदने में मदद मिली.
ऊपर से चुनाव में सख्ती के कारण ग्रे मार्केट पर भी सख्ती थी. तस्करों को इस बात का डर था कि चुनाव की सख्ती में वो पकड़े जा सकते हैं. इसका असर ये हुआ कि लोगों ने बैंकों से ज्यादा सोना लिया और वैध रूप से आयात हुआ.
बता दें कि तस्करी में तब इजाफा हुआ जब सरकार ने 2013 में सोने पर 10% ड्यूटी बढ़ा दी. फिर 2017 में सोने पर 3% सेल्स टैक्स से इसे और बढ़ावा मिला.
मई में तो आयात बढ़ा है लेकिन इसके जून में 116 टन से घटकर 80 टन रह जाने की उम्मीद है क्योंकि इंटरनेशनल मार्केट में कीमते ज्यादा हैं. 2019 में देश में 750 से 850 रहने की उम्मीद है. पिछले साल 760 टन सोने की खपत हुई थी. पिछले दस का हिसाब देखें तो औसतन हर साल देश में 838 टन सोने की खपत हुई है.
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