Cryptocurrency Ban In India: भारत में लगातार बढ़ रही बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की पॉपुलैरिटी के बीच हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा में क्रिप्टो पर एक अहम बैठक बुलाई गई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई. दिक्कत की बात ये है कि भारत में इस लेवल पर बातचीत तब हो रही है, जब यहां दस करोड़ से ज्यादा क्रिप्टो ओनर हो चुके हैं और अब भी नीति निर्धारकों के बीच एकराय नहीं है.
PTI रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी पर एक विधेयक पेश कर सकती है.
क्रिप्टो पर पूरी तरीके से बैन चाहता है RBI
RBI हमेशा से क्रिप्टो की आलोचना करता रहा है. सेंट्रल बैंक का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की मैक्रोइकोनॉमिक्स और वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है. रिजर्व बैंक ने क्रिप्टो में ट्रेड कर रहे लोगों की संख्या और बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा दावा किए गए मार्केट वैल्यू पर भी संदेह जताया है.
RBI ये भी मानता है कि क्रिप्टो देश की करेंसी (भारतीय रूपये) के लिए खतरा है. अगर ज्यादातर लोग प्रोविडेंट फण्ड जैसे रूपये आधारित बचत के बजाय क्रिप्टो में निवेश करने लगेंगे तो भारत के करेंसी की डिमांड गिर जाएगी. इससे बैंकों को अपने ग्राहकों को लोन देने में समस्या हो सकती है.
सबसे बड़ी बात क्रिप्टो का इस्तेमाल मनी लौंडेरिंग जैसे कई गैर-कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है. इन सभी कारणों के कारण क्रिप्टो निवेशक हैकिंग, स्कैम जैसे चीजों के लिए काफी सवेंदनशील होते हैं क्योंकि क्रिप्टो कॉयन्स काफी वोलाटाइल होते हैं.
RBI के गवर्नर श्रीकांत दास ने एक इवेंट में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचार को दोहराते हुए कहा था कि- "क्रिप्टो किसी भी फाइनेंशियल सिस्टम के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि यह किसी भी केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित नहीं है".
केंद्र सरकार जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती कोई फैसला
सरकार क्रिप्टो को पूरी तरीके से बैन करने के बजाय पर क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक मजबूत रेगुलेटरी सिस्टम बनाना चाहती है, ताकि इसका इस्तेमाल मनी लौंडेरिंग और आतंकवादी फंडिंग जैसी गैर-कानूनी चीजों में न हो सके.
13 नवंबर को इस मीटिंग में हुए चर्चे पर एक सूत्र ने PTI को बताया कि- "सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित हो रही तकनीक है, गवर्नमेंट इसपर कड़ी निगरानी रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी. इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रोग्रेससिव होंगे".
आपको बता दें RBI ने अप्रैल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया था. हालांकि 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्वे बैंक ऑफ इंडिया के इस फैसले को पलट दिया.
भारतीयों का क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन का निवेश
क्रिप्टो से जुड़े रिस्क के बावजूद इसका खुमार भारत के लोगों के बीच लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अक्टूबर में छपे एक अखबार ऐड में दावा किया गया कि भारत के लोगों के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में 6 ट्रिलियन रूपये का निवेश किया गया है. WazirX के सीईओ निशाल शेट्टी की मानें तो देश में करीब 15 से 20 मिलियन क्रिप्टो इन्वेस्टर्स है.
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