नए साल में फ्लिपकार्ट और अमेजन पर लगने वाली सेल के दिन खत्म हो सकते हैं. सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए आदेश दिया है कि ऑनलाइन कंपनियां ऐसे प्रोडक्ट नहीं बेच सकतीं, जो वो खुद बनाती हों. मतलब वो सिर्फ प्रोडक्ट बेच सकेंगी, अगर बनाती हैं, तो अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगी.
कॉमर्स और इंडस्ट्री मंत्रालय के बयान के मुताबिक:
ई-कॉमर्स कंपनी या उसकी ग्रुप कंपनी या अगर कोई सामान बनाती है, तो उसे अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएगी. इसके अलावा वो ऐसी किसी कंपनी के प्रोडक्ट भी नहीं बेच पाएंगी, जिनमें उनकी किसी भी तरह की हिस्सेदारी होगी.
सबसे बड़ी बात ये हुई है कि ऑनलाइन कंपनियां किसी भी प्रोडक्ट को एक्सक्लूसिव तरीके से नहीं बेच पाएंगी. मतलब फ्लिपकार्ट, अमेजन या दूसरी ऑनलाइन कंपनियां, जो मोबाइल या दूसरे प्रोडक्ट की एक्सक्लूसिव सेल करती हैं, अब वो खत्म हो जाएंगी.
सरकार ने सारे नियम बदल डाले हैं. ऑनलाइन रिटेल फर्म में सीधे विदेशी निवेश के नियमों में भी बदलाव किया गया है. अब सीधे निवेश को मंजूरी देने से पहले ये भी देखा जाएगा कि निवेश करने वाली कंपनी का पहले से कारोबारी रिश्ता तो नहीं है.
मंत्रालय के मुताबिक, ऑनलाइन कंपनियों की खरीद में खरीदार को कैशबैक का ऑफर भी ट्रांसपेरेंट और भेदभाव मुक्त होना चाहिए.
सभी ऑनलाइन कंपनियों को हर साल 30 सितंबर तक रिजर्व बैंक के पास ऑडिटर का सर्टिफिकेट जमा करना होगा कि कंपनी ने सभी नियमों का पालन किया है.
ई-कॉमर्स नियमों में तमाम बदलाव इस साल 1 फरवरी, 2018 से लागू माने जाएंगे.
सरकार को घरेलू ट्रेडरों की ढेरों शिकायतें मिली थीं कि ई-कॉमर्स कंपनियां के भारी भरकम डिस्काउंट की वजह से उन्हें नुकसान हो रहा है.
मौजूदा पॉलिसी में ई-कॉमर्स में 100 परसेंट सीधे विदेशी निवेश को अनुमति है.
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