मोदी सरकार ने स्टार्टअप्स को बड़ी राहत देते हुए एंजेल टैक्स के नियमों में ढील दे दी है. अब स्टार्टअप्स को इनकम टैक्स में छूट के लिए निवेश की लिमिट 25 करोड़ रुपये कर दी गई है. अभी तक ये लिमिट सिर्फ 10 करोड़ रुपये थी, जिसमें एंजेल इन्वेस्टर का निवेश भी शामिल था.
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क्विंट ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. इस दौरान स्टार्टअप्स को हो रही दिक्कतों और इनकम टैक्स के नोटिस भेजे जाने से हो रही परेशानी का मामला भी उठाया गया था. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, स्टार्टअप्स को छूट देने वाले नियमों का नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिया जाएगा.
स्टार्टअप्स को क्या-क्या राहत मिली?
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- केंद्र की मोदी सरकार ने स्टार्टअप्स की परिभाषा बदलने का भी फैसला किया है
- अब रजिस्ट्रेशन के 10 साल बाद तक किसी भी कंपनी को स्टार्टअप माना जाएगा. अभी तक ये सीमा 7 साल की ही थी
- अब 100 करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाली कंपनी को स्टार्टअप माना जाएगा, पहले ये सीमा 25 करोड़ रुपये थी
- 100 करोड़ रुपये नेटवर्थ या सालाना 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली लिस्टेड कंपनी के निवेश को भी इनकम टैक्स से छूट मिलेगी
- स्टार्टअप्स सभी इन्वेस्टर को जो भी शेयर जारी करेंगे, उनमें भी 25 करोड़ रुपये तक निवेश इनकम टैक्स के दायरे से बाहर होगा
- इसी तरह अप्रवासी भारतीय या दूसरे फंड का स्टार्टअप्स में निवेश 25 करोड़ रुपये तक टैक्स फ्री रहेगा
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कई स्टार्टअप्स के मुताबिक, उन्हें इनकम टैक्स के नोटिस मिले थे, जिनमें एंजेल फंड पर उनसे टैक्स मांगा गया था. इनकम टैक्स की धारा 56(2)(viib) के मुताबिक मार्केट वैल्यू से ज्यादा जितनी रकम स्टार्टअप्स जुटाएंगे उसे दूसरे सोर्स की इनकम माना जाएगा और उस पर 30 परसेंट की दर से टैक्स लगेगा.
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