IMF Report: मंगलवार, 30 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने FY 2024-25 और 2025-26 के लिए भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 0.20% बढ़ाकर 6.5% कर दिया है. बीते कुछ वर्षों में कोविड महामारी, आसमान छूती महंगाई और उच्च ब्याज दरों और लंबे युद्धों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है.
इसी बीच IMF ने राहत भरी खबर देते हुए अपने एक रिपोर्ट में ग्लोबल इकोनॉमी के लिए "सॉफ्ट लैंडिंग" की भविष्यवाणी की है. सॉफ्ट लैंडिंग का तात्पर्य विकास की अवधि के बाद मध्यम आर्थिक मंदी से है.
IMF ने लचीली घरेलू मांग का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-25 दोनों के लिए भारत की अर्थव्यवस्था के विकास पूर्वानुमान को 0.2 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है. यह भारत के बढ़ती डोमेस्टिक डिमांड को दिखाता है.
IMF ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि...
"कोविड-19 महामारी, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और जीवन-यापन संकट से जूझने के बावजूद रिकवरी आश्चर्यजनक रूप से बेहतर साबित हो रही है. महंगाई अपने 2022 के अधिकतम स्तर के अपेक्षा अधिक तेजी से घट रही है. साथ ही, इसमें यह भी कहा गया है कि महंगाई से लड़ने के लिए उच्च ब्याज दरों और उच्च ऋण के बीच राजकोषीय समर्थन न मिलने से 2024 में विकास पर असर पड़ने की उम्मीद है. मुद्रास्फीति में कमी और स्थिर वृद्धि के साथ हार्ड लैंडिंग की संभावना कम हो गई है और वैश्विक विकास के लिए जोखिम मोटे तौर पर संतुलित हैं."
IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने क्या?
IMF के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने एक साथ ब्लॉग में कहा...
"बादल छंटने लगे हैं. वैश्विक अर्थव्यवस्था सॉफ्ट लैंडिंग की ओर अंतिम रूप से उतरने लगी है. महंगाई में लगातार गिरावट आ रही है और विकास रुक रहा है. लेकिन विस्तार की गति धीमी बनी हुई है, और आगे हलचल हो सकती है."
वैश्विक गतिविधि पिछले साल की दूसरी छमाही में लचीली साबित हुई, क्योंकि मांग और आपूर्ति कारकों ने प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का समर्थन किया. मांग पक्ष पर निजी और सरकारी खर्च ने तंग मौद्रिक स्थितियों के बावजूद गतिविधि को बनाए रखा. आपूर्ति पक्ष पर श्रम बल की भागीदारी में वृद्धि हुई. नए सिरे से भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार और सस्ती ऊर्जा और कमोडिटी की कीमतों में मदद मिली.
भारत और चीन के बारे में IMF ने क्या कहा?
IMF ने उत्साहित पूर्वानुमान का श्रेय संयुक्त राज्य अमेरिका और कई बड़े उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में उम्मीद से अधिक लचीलेपन के साथ-साथ चीन में राजकोषीय समर्थन को दिया और कहा कि इन उभरते बाजारों में से एक भारत भी शामिल है.
भारत में विकास 2024 और 2025 दोनों में 6.5 प्रतिशत पर मजबूत रहने का अनुमान है. अक्टूबर से दोनों वर्षों के लिए 0.2 प्रतिशत अंक के बढ़ोत्तरी के साथ, घरेलू मांग में लचीलेपन को दर्शाता है. चीन की विकास संभावनाओं को भी पिछले पूर्वानुमान से 0.4 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 2024 में 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन फिर, 2025 में यह घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई है.
(इनपुट: IANS)
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