इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) ने भारत की आर्थिक वृद्धि को उम्मीद से काफी कमजोर बताया है. IMF प्रवक्ता गेरी राइस ने 12 सितंबर को इसकी वजह भी बताई. एक संवाददाता सम्मेलन में राइस ने कहा,
‘’हम नए आंकड़े पेश करेंगे लेकिन खासकर कॉर्पोरेट और पर्यावरणीय नियामक की अनिश्चितता और कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की कमजोरियों के कारण भारत में हालिया आर्थिक वृद्धि उम्मीद से काफी कमजोर है.’’गेरी राइस, IMF प्रवक्ता
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7 सालों में सबसे कम (5 फीसदी) रही है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने अपने एक बयान में इस आर्थिक सुस्ती के पीछे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और एग्रीकल्चरल आउटपुट में गिरावट को बताया.
मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही से पहले भारत में जीडीपी वृद्धि दर का पिछला सबसे निचला स्तर (4.9 फीसदी ) वित्त वर्ष 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में दर्ज किया गया था.
हाल ही में IMF वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 0.3 पर्सेंटेज प्वाइंट कम करके 7 फीसदी कर चुका है. उसने इसके पीछे की वजह उम्मीद से कम घरेलू मांग को बताया. हालांकि इसके बावजूद IMF के मुताबिक, भारत चीन से बहुत आगे और दुनिया की सबसे तेजी से विकास करने वाली बड़ी अर्थव्यस्था बना रहेगा.
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