COVID-19 संकट और कारोबारी माहौल में अनिश्चितता के बीच कई स्टार्टअप अपने कामकाज को जारी रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) ने IAN के साथ किए गए एक सर्वे से सामने आई जानकारी के आधार पर यह बात कही है. यह सर्वे 'भारतीय स्टार्टअप्स पर COVID-19 के असर' को लेकर किया गया है.
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सर्वे से सामने आईं ये बड़ी बातें
- 70 फीसदी स्टार्टअप्स ने कहा है कि उनके कारोबार पर COVID-19 संकट का नकारात्मक असर पड़ा है
- 12 फीसदी स्टार्टअप्स ने अपने कामकाज बंद कर दिए
- अप्रैल-जून 2020 की अवधि में 43 फीसदी स्टार्टअप्स ने 20-40% की रेंज में वेतन कटौती शुरू कर दी
- 60 फीसदी स्टार्टअप्स बाधाओं के साथ काम कर रहे हैं
- 33 फीसदी स्टार्टअप्स ने कहा कि निवेशकों ने निवेश का फैसला होल्ड पर डाल दिया है
- 10 फीसदी का कहना है कि डील्स रद्द कर दी गईं
इस सर्वे में 250 स्टार्टअप्स को शामिल किया गया. FICCI के सेक्रेटरी जनरल दिलीप चिनॉय ने कहा कि सर्वे बताता है कि भारतीय स्टार्टअप्स को परिचालन जारी रखने के लिए एक सक्षम ईकोसिस्टम और फंड्स के प्रवाह की जरूरत है.
इसके अलावा उन्होंने कहा, ''स्टार्टअप सेक्टर इस समय खुद को बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है. निवेश भावना भी नरम है और आने वाले महीनों में ऐसा बने रहने की उम्मीद है. वर्किंग कैपिटल और कैश फ्लो की कमी से अगले 3-6 महीनों में स्टार्टअप्स को बड़ी छंटनी करनी पड़ सकती है.''
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टॉपिक: कोरोनावायरस Coronavirus
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