भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कहा है कि टेलीकॉम सेक्टर अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर की ज्यादातर कंपनियां घाटे में हैं, ये हमारे अस्तित्व का सवाल है.
सुनील भारती मित्तल ने इकनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा:
“मैं इस देश का पहला टेलीकॉम ऑपरेटर हूं और भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलीकॉम मार्केट है, इसलिए मेरा ये मानना है कि हमें 3+1 ऑपरेटर की जरूरत है, न कि 2 +1. इसलिए सरकार को वोडाफोन-आइडिया को दिवालिया होने से बचाने की पूरी कोशिश करनी चाहिए.”सुनील भारती मित्तल
बता दें कि 3 +1 ऑपरेटर सिस्टम का मतलब है, टेलीकॉम सेक्टर में 3 प्राइवेट और 1 पब्लिक ऑपरेटर.
हाल ही में वोडाफोन-आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला ने कहा है कि कंपनी दिवालिया हो सकती है.
मित्तल ने आगे बताया कि अगर हम विकसित देशों की बात करें, तो वहां भी 2 ऑपरेटर से ज्यादा हैं. चीन में तीन ऑपरेटर हैं, अमेरिका में चार ऑपरेटर हैं. पीएम के डिजिटल इंडिया विजन के लिए टेलीकॉम की भारी जरूरत है.
मित्तल ने कहा कि पिछले तीन सालों में टेलीकॉम कंपनी की बैलेंस शीट बिगड़ गई है, 8 कंपनियां दिवालिया हो गईं, इसलिए अब हमारे पास जो कुछ भी है, उसे संरक्षित किया जाना चाहिए और इसके लिए सरकार को जो भी करना पड़े, करना चाहिए.
'टेलीकॉम पर टैक्स कम करने की जरूरत'
सुनील भारती मित्तल ने कहा:
“टेलीकॉम सेक्टर पर आप इतना ज्यादा टैक्स नहीं लगा सकते, पूरे रेवेन्यू का लगभग 30 फीसदी से ज्यादा हिस्सा किसी न किसी टैक्स के रूप में चुकाना पड़ता है. हम ऐसी उम्मीद करते हैं कि सेक्रेटरीज कमेटी टैक्स कम करने पर विचार करे.”सुनील भारती मित्तल
मित्तल ने आगे कहा कि वोडाफोन घाटे में है, एयरटेल घाटे में है, बीएसएनएल घाटे में है और एक प्रतियोगी है, जिसके पास फाइनेंसियल एक्सेस है... स्थिति खराब है.
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