देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) का मार्केट कैपिटलाइजेशन 24 अगस्त को 100 बिलियन डॉलर (infosys market cap) के पार चला गया. कंपनी का स्टॉक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर अभी तक का सबसे ज्यादा 1,755.60 रुपये तक चढ़ गया. टाटा कंसल्टेंसी सर्विस (TCS), रिलायंस और HDFC बैंक के बाद अब इंफोसिस 100 बिलियन डॉलर का मार्केट कैप छूने वाली चौथी भारतीय कंपनी बन गई है.
इन चारों कंपनियों में से रिलायंस का मार्केट कैप सबसे ज्यादा 140 बिलियन डॉलर, उसके बाद TCS का 115 बिलियन डॉलर और फिर HDFC बैंक का 100.1 बिलियन डॉलर है.
इस साल अभी तक इंफोसिस के शेयर 40 फीसदी तक चढ़ चुके हैं और उन्होंने सेंसेक्स की 16.6 फीसदी की बढ़ोतरी को भी पीछे छोड़ दिया है. जून तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट 23 फीसदी सालाना बढ़कर 5195 करोड़ हो गया था.
नंदन निलेकनी के नेतृत्व में इंफोसिस पिछले कुछ सालों में सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक बन गई है. इसकी वजह साइबर सिक्योरिटी, कस्टमर एक्सपीरियंस के अलावा वर्क फ्रॉम होम सेटअप बढ़ने से क्लाउड कंप्यूटिंग की तेज होती मांग है.
कंपनी मैनेजमेंट के पिछले महीने रेवेन्यू ग्रोथ को वित्त वर्ष 2022 के लिए 14-16% तक बढ़ाने के बाद स्टॉक में तेजी आ गई थी. इंफोसिस के मुताबिक, अच्छे पहली तिमाही के नतीजे और एक अच्छी डील पाइपलाइन ने कंपनी के शेयर में तेजी ला दी.
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?
मोतीलाल ओस्वाल ने स्टॉक पर बाय रेटिंग रखते हुए कहा कि वो इंफोसिस से एक और साल अच्छा प्रदर्शन की उम्मीद करते हैं क्योंकि इस बार टेक्नोलॉजी की बढ़ती डिमांड और अच्छी डील का पूरा फायदा नहीं मिला है. मोतीलाल ओस्वाल ने कहा, "हम इंफोसिस को वित्त वर्ष 22 में एक महत्वपूर्ण बेनिफिशियरी समझते हैं क्योंकि उसकी क्लाउड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की क्षमता अच्छी है."
एडेलवाइस रिसर्च ने निवेशकों से कहा, "इंफोसिस में कई सेगमेंट के क्लाइंट्स की मजबूत डिमांड देखी जा रही है क्योंकि क्लाइंट्स तेजी से आईटी में निवेश करना चाहते हैं."
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