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इंफोसिस ने 25 साल में दिया 2500 गुना रिटर्न, FD ने महज 10 गुना

इंफोसिस की लिस्टिंग के 25 साल

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इंफोसिस में 10,000 रुपए 25 साल में बन गए 2.5 करोड़

10 हजार रुपए में भी करोड़पति बन सकते हैं. ये कमाल किया है इंफोसिस ने, जिसमें 1993 में 10,000 रुपए का निवेश 25 साल में 2.5 करोड़ रुपए बन गया. शायद करोड़पति बनने का इससे ज्यादा आसान फॉर्मूला नहीं हो सकता.

दूसरे निवेश से इसकी तुलना करें, तो इसे ऐसे समझिए कि पिछले 25 सालों में फिक्स्ड डिपॉजिट में सिर्फ 10 गुना और सोने से तो सिर्फ 6 गुना कमाई ही हुई है, जबकि इंफोसिस ने 2500 गुना कमाई कराई है.

हम निवेश का हिसाब-किताब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इंफोसिस की लिस्टिंग को 14 जून को 25 साल हो गए हैं.

इंफोसिस की कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं और शायद इसीलिए उसमें निवेश से मिला रिटर्न लोगों को अभी भी अजूबा लगता है. जिन्होंने 1993 में  10 हजार रुपए या उससे ज्यादा लंबी अवधि में निवेश के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट कराया होगा या फिर जमीन खरीदी होगी, वो निवेश निश्चित तौर पर 2.5 करोड़ रुपए के आसपास नहीं होगा.
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इंफोसिस की लिस्टिंग के 25 साल

इंफोसिस लिस्टिंग के 25 साल

  • नारायण मूर्ति और उनके 6 साथियों ने करीब 10,000 रुपए में शुरू की
  • अभी 2.7 लाख करोड़ रुपए की कंपनी बनी
  • फरवरी 1993 में आईपीओ आया
  • 14 जून, 1993 को लिस्ट हुई, 2018 में लिस्टिंग के 25 साल
  • इश्यू प्राइस 95 रुपए और 60 परसेंट प्रीमियम के साथ 145 रुपए में लिस्टिंग हुई
  • उस वक्त इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हो पाया
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इंफोसिस ने कैसे बनाया करोड़पति

  • पूरा हिसाब-किताब लगाया जाए, डिविडेंड वगैरह जोड़ा जाए, तो इंफोसिस ने निवेशकों को हैरान करने वाली कमाई कराई है. जरा हिसाब-किताब लगाइए.
  • जिसने 1993 में 10,000 रुपए के करीब 100 शेयर खरीदे हैं, वो अगर अभी तक नहीं छोड़ दिए होंगे, उनकी वैल्यू अभी 2.5 करोड़ रुपए होगी.
  • कंपनी ने निवेशकों को समय-समय पर बोनस और डिविडेंड भी निवेशकों को दिया है. 10 बार एक के बदले एक शेयर का बोनस दिया गया है, जबकि 2005 में एक के बदले तीन बोनस शेयर दिए गए.
  • साल 1999 में शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपए से घटाकर 5 रुपए की गई थी. जानकारों के मुताबिक, अगर बोनस, शेयर स्प्लिट वगैरह को जोड़ दिया जाए, तो 10,000 रुपए 25 साल में बढ़कर 2.5 करोड़ रुपए हो जाते हैं. मतलब सालाना 36.20 परसेंट चक्रवृद्धि ब्याज मिला.
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इंफोसिस- एफडी और सोना

आम तौर पर इनकी तुलना नहीं होती, पर निवेश पर रिटर्न के लिहाज से देखें, तो तुलना बनती है. निवेश के लिए हमेशा कहा जाता है कि कमाई के लिए जरूरी है आंखें खुली रखी जाएं. 1993 में इंफोसिस के शेयर को लेने वाले नहीं मिल रहे थे, लेकिन जिसने शेयर लिए, उसने पैसे के लिए जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा.

कमाई कराने में सबसे आगे इंफोसिस है, जिसमें निवेशकों को 2500 गुना पैसा बना है, जबकि इसके मुकाबले FD में करीब 10 गुना और सोने में सिर्फ 6 गुना कमाई हुई है.
इंफोसिस की लिस्टिंग के 25 साल

फिक्स्ड डिपॉजिट

साल 1993 में एफडी में किया गया 10,000 रुपए 25 सालों में सिर्फ 10 गुना ही बढ़ पाता और मुश्किल से 1,00,000 रुपए ही हो पाता. 

सोना तो बड़ा फीका है

यही हाल सोने का है, जिसने निवेश के लिहाज से सबसे ज्यादा निराश किया है. ऐसे देखने में सोना भले ही 32 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया हो. पर असल में खास कमाई नहीं हुई है.

वेल्थएडवाइजर्स के मुताबिक, 1993 में सोने का भाव 4532 रुपए प्रति 10 ग्राम था. इस वक्त सोने का भाव करीब 31,800 रुपए प्रति 10 ग्राम है. इस लिहाज से 1993 में सोने पर 10,000 रुपए का निवेश अभी 70,132 रुपए के आसपास ही होता.

इस लिहाज से देखा जाए, तो सबसे इंफोसिस का निवेश सबसे शानदार रिटर्न देने वाला साबित हुआ है.

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