भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर खराब खबरों का सिलसिला जारी है. 3 सितंबर को शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. निवेशकों के बाजार में 2.55 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
दरअसल, मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों दो फीसदी से ज्यादा टूट गए. वहीं रुपया भी 97 पैसे की गिरावट के साथ 72.39 प्रति डॉलर के अपने नौ महीने के निचले स्तर पर आ गया.
BSE-NSE दो फीसदी से ज्यादा टूटा
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सेंसेक्स कारोबार के दौरान 867 प्वॉइंट तक नीचे आने के बाद अंत में 769.88 प्वॉइंट यानी 2.06 फीसदी के नुकसान से 36,562.91 प्वॉइंट पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 225.35 प्वॉइंट या 2.04 फीसदी के नुकसान से 10,797.90 प्वॉइंट रह गया.
सेंसेक्स की कंपनियों में आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, वेदांता, एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के शेयर 4.45 प्रतिशत तक गिर गए. रुपये में गिरावट के बीच दो आईटी कंपनियों टेकएम और एचसीएल टेक के शेयर मामूली फायदे के साथ बंद हुए. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 1.65 फीसदी तक की गिरावट आई.
शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट कैसे?
एमके वेल्थ मैनेजमेंट के रिसर्च चीफ जोसफ थॉमस ने कहा, ‘‘पहली तिमाही के जीडीपी का ग्रोथ रेट पांच फीसदी पर आने और बुनियादी उद्योगों की ग्रोथ सुस्त पड़ने से बाजार में गिरावट आई. इसके अलावा नकारात्मक वैश्विक संकेतकों, अमेरिका चीन व्यापार युद्ध और दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती के रुख का भी असर हुआ.’’
रोजगार कम होने और पैसों की उपलब्धता नहीं होने से विशेषरूप से ग्रामीण इलाकों में कमजोर घरेलू खपत की स्थिति बनी है. इन मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.जोसफ थॉमस, रिसर्च चीफ, एमके वेल्थ मैनेजमेंट
सरकार ने हालांकि, अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन कमजोर आर्थिक आंकड़ों और अगस्त महीने में वाहन कंपनियों की बिक्री में दस फीसदी से ज्यादा की गिरावट से बाजार का रुख बदला है.
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