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जेट एयरवेज के उड़ने की आस, NCLT में कंसोर्टियम प्रस्ताव को मंजूरी

Jet Airways करीब दो सालों से दिवालिया समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है

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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने कालरॉक कैपिटल और मुरारी लाल जालान के कंसोर्टियम के जेट एयरवेज समाधान प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि NCLT की मुंबई बेंच ने प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है.

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NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि NCLT ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एविएशन मिनिस्ट्री को 90 दिन दिए हैं कि वो जेट एयरवेज को स्लॉट आवंटित करे.

हालांकि, रिपोर्ट का कहना है कि एयरलाइन को उसके ऐतिहासिक घरेलू और इंटरनेशनल रूट मिलने का मुद्दा अभी नहीं सुलझा है. जेट एयरवेज करीब दो सालों से दिवालिया समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है.

कालरॉक-जालान कंसोर्टियम ने बैंकों, वित्तीय संस्थानों और कर्मचारियों को अगले पांच सालों में 1200 करोड़ देने और 30 एयरक्राफ्ट के साथ जेट एयरवेज को स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था. 
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अप्रैल 2019 में बंद हुआ था ऑपरेशन

जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल 2019 को वित्तीय समस्याओं की वजह से अपने सभी ऑपरेशन बंद कर दिए थे. एयरलाइन 120 एयरक्राफ्ट की फ्लीट ऑपरेट करती थी.

जेट के पास दर्जनों घरेलू और सिंगापुर, लंदन, दुबई जैसी इंटरनेशनल डेस्टिनेशन थीं. हालांकि, कर्जा बढ़ने की वजह से इसे बंद करना पड़ा. कंपनी कम कीमत वाले विरोधियों का मुकाबला नहीं कर पाई थी.  

उसके बाद से जेट एयरवेज दिवालिया कानून के तहत समाधान प्रक्रिया से गुजर रही थी. अक्टूबर 2020 में कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स (CoC) ने यूके के कालरॉक कैपिटल और UAE के बिजनेसमैन मुरारी लाल जालान के समाधान प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

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