आर्थिक संकट में फंसी प्राइवेट एयरलाइंस कंपनी जेट एयरवेज ने अपनी खस्ता हालत पर बयान दिया है. जेट एयरवेज ने कहा है कि वह भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और दूसरे कर्जदाताओं के साथ मिलकर कंपनी अपनी आर्थिक हालत बेहतर बनाने की योजना पर काम कर रही है, लेकिन अभी इस पर कोई आखिरी फैसला नहीं किया गया है.
जेए एयरवेज ने कहा है कि योजना के तहत नई इक्विटी या पूंजी डालने के साथ ही आगे बॉर्ड ऑफ डायरेक्टर में बदलाव को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
शेयर बाजार में बुधवार को जेट एयरवेज के शेयरों में आई गिरावट के बीच एयरलाइंस ने कहा कि वो लागत में कटौती, कर्ज के बोझ को कम करने और पैसा जुटाने के कई ऑप्शन पर काम कर रही है.
क्या-क्या ऑप्शन हैं?
जेट एयरवेज गंभीर आर्थिक स्थिति से जूझ रही है. एयरलाइन 31 दिसंबर, 2018 तक एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों को कर्ज का भुगतान करने में असफल रही है. बयान में कहा गया है कि समाधान योजना के तहत कई ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है. इसमें कई शेयरहॉल्डर की ओर से अनुपातिक इक्विटी निवेश और कंपनी के बोर्ड में बदलाव जैसे ऑप्शन शामिल हैं.
एसबीआई दूसरे कर्जदाताओं और संबंधित पक्षों के साथ मिलकर एक बेहतर समाधान योजना पर काम कर रहा है, जिससे कंपनी को फिर खड़ा किया जा सके और उसकी वित्तीय सेहत सुधारी जा सके.जेट एयरवेज
एयरलाइंस ने बताया कि शेयरहोल्डर के साथ तरह-तरह ऑप्शन पर बातचीत की जा रही है. कोशिश की जा रही है कि इन ऑप्शन पर शेयरहोल्डर्स के बीच कंपनी के बेहतर हित में सहमति बन सके.
एयरलाइन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की अगस्त 2018 में हुई मीटिंग का हवाला देते हुए कंपनी ने कहा है कि वो लागत कम करने में कई उपायों, कर्ज में कमी लाने और पैसा जुटाने के ऑप्शन पर काम कर रही है.
कंपनी कई स्टेक होल्डर्स के साथ नई कैपिटल डालने, प्रॉपर्टी के मॉनेटाइजेशन समेत कई उपायों पर भी बातचीत कर रही है. सभी पक्षों की मंजूरी के बाद जो भी समाधान योजना तैयार होगी, उसको लागू करने के लिए रेगुलेटरी, कॉन्ट्रक्चुयल और कॉरपोरेट की सहमति लेनी जरूरी होगी. शेयर बाजार में बुधवार को जेट एयरवेज के शेयर की कीमत आठ फीसदी गिरकर 271 रुपए हो गई.
(इनपुट: भाषा)
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