केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के बाद मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज को फिर से शुरू करने के लिए गाइडलाइन्स जारी की हैं.
इन गाइडलाइन्स में कहा गया है, ''यूनिट को फिर से शुरू करते वक्त पहले हफ्ते को ट्रायल या टेस्ट रन पीरियड की तरह लें. सभी सेफ्टी प्रोटोकॉल्स सुनिश्चित करें, और हाई प्रोडक्शन टारगेट हासिल करने की कोशिश न करें.''
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गाइडलाइन्स में यह भी कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां शुरू करने से पहले पूरी यूनिट का सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए.
इसके अलावा गाइडलाइन्स में कहा गया है
- रिस्क को कम से कम करने के लिए यह अहम है कि स्पेसिफिक इक्विपमेंट पर काम करने वाले कर्मचारी सैनिटाइज्ड हों और वो असामान्य हालात को पहचानने के लिए जागरूक हों, जैसे अजीब आवाज या गंध, खुले तार, वाइब्रेशन्स, लीक्स, धुआं और बाकी खतरनाक संकेत, जो तत्काल मेंटेनेंस या शटडाउन की जरूरत दर्शाते हों
- रीस्टार्ट फेज के दौरान सभी इक्विपमेंट्स का सेफ्टी प्रोटोकॉल्स के हिसाब से इन्स्पेक्शन होना चाहिए
- फैक्ट्रियां हर 2-3 घंटे में एक सैनिटाइजेशन रुटीन बनाए रखें, खासकर कॉमन एरियाज में, जिसमें लंच रूम्स, कॉमन टेबल्स आते हैं, हर बार इस्तेमाल के बाद इनकी डिस्इन्फेक्टेंट्स से सफाई होनी चाहिए
- दिन में दो बार वर्कर्स का टेंपरेचर चेक होना चाहिए
- जिन वर्कर्स में (COVID-19 के) लक्षण दिख रहे हों, उन्हें काम पर नहीं होना चाहिए
- सभी फैक्ट्रियों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में ग्लव्स, मास्क और हैंड सैनेटाइजर मुहैया कराए जाने चाहिए
गाइडलाइन्स में पाइपलाइन्स, इक्विपमेंट्स, डिस्चार्ज लाइन्स की सफाई, टाइटनेस टेस्ट, सर्विस टेस्ट, वैक्यूम होल्ड टेस्ट आदि कराने की भी बात कही गई है. इसके अलावा फिजिकल डिस्टेंस बनाने के उपायों करने के लिए भी कहा गया है.
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टॉपिक: गृह मंत्रालय कोरोना लॉकडाउन
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