अगर आप नई आयकर व्यवस्था का विकल्प चुनने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपने नियोक्ता से मिले यात्रा भत्ते पर छूट का दावा कर सकते हैं. बता दें कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके लिए आयकर नियमों में बदलाव किया है.
सीबीडीटी की तरफ से किए गए संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं.
इन मामलों में यात्रा या ट्रांसफर के मामले में आने-जाने के खर्च के लिए दिया गया भत्ता, यात्रा के पीरियड के दौरान दिया गया कोई बाकी भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से गैरमौजूदगी की स्थिति में कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिए दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल हैं.
इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर और हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3200 रुपये प्रति महीने के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं.
हालांकि सीबीडीटी ने साफ किया है कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते वक्त नियोक्ता की तरफ से पेड वाउचर के जरिए मुफ्त खाने और नॉन-एल्कोहॉलिक पेय के मामले में कोई छूट नहीं मिलेगी.
अगर किसी को नियोक्ता की तरफ से आने-जाने की निशुल्क सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही, तो काम पर आने-जाने के खर्च के लिए दिए जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है.
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