राजधानी दिल्ली कोरोना कैपिटल बनने के काफी नजदीक है. दिल्ली में लगातार कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं और अब मौतों के मामले में भी इजाफा हो रहा है. दिल्ली में गुरुवार 12 नवंबर को एक दिन में सबसे ज्यादा 104 लोगों की मौत हुई है. इसके अलावा कुल 7,053 नए मामले सामने आए. जिसके बाद अब दिल्ली में कुल कोरोना मामलों की संख्या 4,67,028 हो चुकी है.
इससे पहले 16 जून को दिल्ली में कोरोना से सबसे ज्यादा 93 मौतें दर्ज की गई थीं. अब करीब 4 महीने बाद दिल्ली में कोरोना मौत का आंकड़ा पहली बार 100 के पार गया है.
पिछले कुछ महीनों से दिल्ली में केस तो बढ़ रहे थे, लेकिन मृत्युदर काफी कम थी. जो दिल्ली सरकार और लोगों के लिए एक राहत की खबर थी, लेकिन अब मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अब तक दिल्ली में कुल 7332 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है.
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. त्योहारों से ठीक पहले रोजाना 7 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. इससे पहले 11 नवंबर को दिल्ली में 8,593 केस आए थे और 85 लोगों की मौत हुई थी.
80% आईसीयू बेड रिजर्व
कोरोना के बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस फैसले पर से रोक हटा दी, जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटलों के 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखने का आदेश जारी किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा कि अब हालात बिगड़ रहे हैं, इसीलिए ये फैसला लिया गया है. दिल्ली के 33 प्राइवेट हॉस्पिटलों के 80 फीसदी आईसीयू बेड अब कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रहेंगे.
प्रदूषण और कोरोना का डबल अटैक
दिल्ली के लोग पहले से ही कोरोना की मार झेल रहे थे, लेकिन अब प्रदूषण ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्तर पर जा रहा है. इसी को देखते हुए दिवाली में पटाखों पर बैन लगा दिया गया, उम्मीद जताई जा रही है कि अगर आतिशबाजी नहीं हुई तो प्रदूषण का स्तर और नहीं बिगड़ेगा. लेकिन अगर लोग नहीं माने तो हर साल की तरह इस साल भी दिवाली के बाद दिल्ली गैस चेंबर में तब्दील हो चुकी होगी.
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