वित्तमंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था कि जीएसटी का तंत्र सिंगल रेट की तरफ बढ़ रहा है. ऐसे में कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने पूछा है कि मोदी सरकार ने अचानक अपना स्टैंड क्यों बदल लिया?
जेटली ने सोमवार (24 दिसंबर) को जीएसटी को लेकर एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी. इस पोस्ट में उन्होंने संकेत दिया कि देश में जीएसटी की 12 और 18 फीसदी के बीच की कोई एक दर लागू हो सकती है. साथ ही उन्होंने बताया कि 28 फीसदी की दर वाले स्लैब में सिर्फ लग्जरी और नुकसानदेह चीजें ही बचेंगी.
कांग्रेस की पुरानी मांग का जिक्र कर पूछा सवाल
एक ट्वीट में चिदंबरम ने सरकार के रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, ''कल तक जीएसटी की एकल दर एक मूर्खतापूर्ण विचार था. मगर कल से यह सरकार का घोषित लक्ष्य है.''
बता दें कि जीएसटी के लागू होने के समय कांग्रेस ने 18 फीसदी के स्टैंडर्ड रेट की मांग की थी. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तब कहा था कि सरकार उस दिशा में काम कर रही है, जिसके तहत 99 फीसदी चीजें 18 फीसदी की जीएसटी दर से नीचे वाले स्लैब में आएं.
इसके साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा:
कल तक (जीएसटी की) मानक दर को 15 प्रतिशत तय करने की मुख्य आर्थिक सलाहकार की RNR रिपोर्ट ‘डस्टबिन’ में थी, मगर कल इसे फिर से वित्तमंत्री की मेज पर रखा गया और तुरंत स्वीकार कर लिया गया.
जेटली ने क्या कहा था
वित्त मंत्री जेटली ने सोमवार को कहा था:
28 फीसदी की दर अब धीरे-धीरे खत्म हो रही है. अभी इसमें लग्जरी और नुकसानदेह उत्पादों, वाहनों के कलपुर्जे, एसी और सीमेंट समेत केवल 28 वस्तुएं ही बची हैं. जीएसटी बदलाव के पूरा होने के साथ ही हम इसकी दरों को तर्कसंगत बनाने के पहले चरण के करीब हैं. उदाहरण के लिए विलासिता और अहितकारी वस्तुओं को छोड़कर बाकी चीजें चरणबद्ध तरीके से 28 फीसदी के उच्चतम कर के दायरे से बाहर की जा रही हैं.अरुण जेटली
इसके साथ ही जेटली ने कहा कि इस समय 12 फीसदी और 18 फीसदी की दो मानक दरें हैं, जिन्हें भविष्य में एक किया जा सकता है.
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