देशभर में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. इस बीच 7 दिसंबर को बेंगलुरु में तो प्याज के दाम 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए. एक अधिकारी ने कहा कि बाजार में कम आपूर्ति की वजह से प्याज के दाम में बढ़ोतरी होती जा रही है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री दानवे रावसाहेब दादाराव ने हाल ही में राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा था, ‘‘इस बात में कोई शक नहीं कि प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं. प्याज की कमी का मुख्य कारण बरसात की वजह से प्याज फसल को होने वाला नुकसान है. देश के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में प्याज की अधिकांश फसल बर्बाद हो गई है. हालांकि सरकार ने अपने बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति की है और सरकारी व्यापार एजेंसी एमएमटीसी को प्याज का आयात करने को कहा है जो 20 जनवरी तक पहुंचना चाहिए.’’ उन्होंने कहा था कि सरकार ने प्याज के दाम में जारी बढ़ोतरी को रोकने के लिए 1.2 लाख टन तक प्याज आयात को मंजूरी दी है.
मगर दिल्ली की आजादपुर मंडी के कारोबारी और ओनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के आंकड़ों पर विश्वास करें तो देश में तकरीबन 50,000-60,000 टन रोजाना प्याज की खपत होती है. ऐसे में 1.2 लाख टन प्याज विदेशों से आने पर यह महज दो दिनों की खपत के बराबर होगी.
कृषि विशेषज्ञ विजय सरदाना की मानें तो इस समय करीब 10 लाख टन प्याज आयात करने की जरूरत है और इतने बड़े परिमाण में प्याज आयात किया जाना मुश्किल है, क्योंकि इतना प्याज विदेशों में कहीं उपलब्ध नहीं होगा.
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