सुप्रीम कोर्ट की ओर से कंपनियों के डिफॉल्ट से जुड़े 12 फरवरी के सर्कुलर को रद्द करने को कांग्रेस ने अपनी जीत करार दिया है. कांग्रेस के सीनियर लीडर और यूपीए सरकार में वित्त और गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम ने कहा है कि एनपीए को लेकर सभी को एक ही डंडे से हांकने की बीजेपी सरकार की नीति की कांग्रेस विरोधी रही है. और अब सुप्रीम कोर्ट ने एक ही चश्मे से सभी एनपीए को देखने वाला आरबीआई का नियम भी खारिज कर दिया है. यह कांग्रेस के नजरिये की जीत है.
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में एनपीए को लेकर बीजेपी सरकार की नीतियों की आलोचना की है. अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने एनपीए के सभी मामलों को एक ही जैसा ट्रीट करने के आरबीआई के सर्कुलर को रद्द कर दिया है तो यह हमारे ही नजरिये की जीत है. चिदंबरम ने कहा
बीजेपी सरकार की गलत नीतियों ने स्टील, बिजली और कोयला सेक्टर की कंपनियों की कमर तोड़ दी है. इन सेक्टर की कंपनियों को सीधे दिवालिया होने की धकेल देना बिल्कुल गलत है.
12 फरवरी को रिजर्व बैंक ने उस सर्कुलर को रद्द कर दिया है जिसमें बैंक लोन किश्त की भरपाई में एक दिन की भी देरी होने पर उस खाते को एनपीए घोषित किया जाना था, और साथ ही 180 दिन में कर्ज समाधान योजना तैयार किया जाना था. बिजली कंपनियों सहित कई कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट से दखल की मांग की थी और कहा था कि इतनी जल्दी कर्ज समाधान योजना बनाना संभव नहीं है.
50 से अधिक कंपनियों ने दी थी सर्कुलर को चुनौती
पावर, शिपिंग और शुगर बिजनेस की करीब 50 से ज्यादा कंपनियों ने इस सर्कुलर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी. याचिकाओं में दलील थी कि RBI का ये सर्कुलर असंवैधानिक है. इसमें सभी सेक्टर पर एक जैसे नियम लागू होते हैं. अगर कोई सेक्टर विशेष कुछ दिक्कतों से गुजर रहा है, तो ये सर्कुलर इस दिक्कत का समाधान नहीं करता है.पावर कंपनियों की दलील थी कि बाहरी कारण के चलते उनको कारोबार में नुकसान हुआ और वो कर्ज की अदायगी तय समय पर नहीं कर सके.
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