ADVERTISEMENTREMOVE AD

डिजिटल पेमेंट पर RBI के पैनल के अध्यक्ष होंगे नंदन नीलेकणि

डिजिटल पेमेंट को कैसे बढ़ावा मिले, इस पर पैनल विचार करेगा

story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

इंफोसिस के को-फाउंडर और UIDAI के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलेकण‍ि को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिजिटल पेमेंट के लिए बनी कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. RBI की ये उच्च स्तरीय कमेटी डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और इसे सुरक्षित बनाने के उपाय सुझाएगी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा है कि पांच सदस्यों वाले इस पैनल का काम डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना और डिजिटाइजेशन के जरिए फाइनेंशियल इंक्लूजन हासिल करने के तरीके निकालना होगा. पैनल 90 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगा.

रिजर्व बैंक ने ये भी कहा, ''कमेटी को देश में डिजिटल पेमेंट की मौजूदा स्थिति, व्यवस्था में मौजूद खामियों का भी अध्ययन करना है और उनसे निपटने के लिए उपाय सुझाने हैं. कमेटी पहली बैठक से 90 दिन के भीतर रिपोर्ट दे सकती है.’'

नंदन नीलेकण‍ि के साथ इस पैनल में रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर एचआर खान, विजया बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ किशोर सांसी, आईटी मिनिस्ट्री की पूर्व सेक्रेटरी अरुणा शर्मा और IIM अहमदाबाद के चीफ इनोवेशन ऑफिसर संजय जैन भी शामिल होने वाले हैं, जो नीलेकण‍ि की अध्यक्षता में काम करेंगे.

पांच सदस्यों का पैनल इस बात पर भी गौर करेगा कि देशभर में डिजिटल पेमेंट के कौन-से तरीके बेहतर हैं और लोगों को किस तरह इससे आसानी से जोड़ा जा सकता है. साथ ही कैसे लोगों का डिजिटल पेमेंट पर भरोसा बढ़ाया जा सकता है.

डिजिटाइजेशन पर सरकार के जोर के बीच अभी भी कई लोग इसमें सेफ्टी को लेकर चिंतित हैं. इसे ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं, पैनल इस पर भी विचार करेगा. 90 दि‍नों के भीतर पैनल इन सारे मुद्दों पर चर्चा कर रिजर्व बैंक को अपनी रिपोर्ट भेजेगा.

इससे पहले नंदन नीलेकण‍ि को आधार की सफलता का भी श्रेय दिया जाता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×