भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries) और सऊदी अरब की कंपनी अरामको (Aramco) में बीच हिस्सेदारी बेचने से जुड़ी लगभग $15 बिलियन की डील रद्द हो चुकी है. इसके बाद जहां एक तरफ रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर सोमवार, 22 नवंबर को BSE पर 4.2% की गिरावट के साथ 2,368.20 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गए वहीं अरामको ने कहा कि वह भारत में निवेश के अवसरों की तलाश जारी रखेगी.
अरामको ने रविवार, 21 अक्टूबर को एक बयान में कहा कि "भारत लंबी अवधि में ग्रोथ का जबरदस्त अवसर प्रदान करता है. हम संभावित भागीदारों के साथ नए और मौजूदा व्यावसायिक अवसरों का मूल्यांकन करना जारी रखेंगे."
गौरतलब है कि अरामको ने अगस्त 2019 में रिलायंस की तेल-से-रसायन बनाने की इकाई (O2C) में लगभग 15 बिलियन डॉलर मूल्य की संभावित 20% हिस्सेदारी के लिए एक गैर-बाध्यकारी “लेटर ऑफ इंटेंट” पर हस्ताक्षर किए थे. रिलायंस ने शुक्रवार, 19 नवंबर को कहा कि दोनों कंपनियां डील से अलग हो जाएंगी.
"रिलायंस के बिजनेस पोर्टफोलियो की विकसित प्रकृति के कारण, रिलायंस और सऊदी अरामको ने पारस्परिक रूप से निर्धारित किया है कि दोनों पक्षों के लिए बदले हुए संदर्भ के आलोक में O2C बिजनेस में प्रस्तावित निवेश का पुनर्मूल्यांकन करना फायदेमंद होगा."
इस साल जून तक, रिलायंस ने कहा कि उसे अरामको के साथ इन्वेस्टमेंट डील को अंतिम रूप देने की उम्मीद है और बाद में उसमे अरामको के अध्यक्ष यासिर अल-रुमायन को अपने बोर्ड में एक स्वतंत्र डायरेक्टर भी नियुक्त किया था.
रिलायंस के O2C कारोबार में हिस्सेदारी से अरामको को दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते ईंधन बाजारों में से एक में प्रवेश मिल जाता. इस डील ने इसे अपने अरब के कच्चे तेल के प्रति दिन 5 लाख बैरल के लिए एक तैयार बाजार भी दिया होता. लेकिन डील रद्द होने के बाद कंपनी के उम्मीदों को झटका लगा है.
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