राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के द्वारा सोमवार को जारी किए आंकड़ों के अनुसार,खुदरा महंगाई(Retail inflation) फरवरी में 6.07 फीसदी दर के साथ आठ महीने की रिकॉर्ड उंचाई पर पहुंच गई,जनवरी में यह 6.01 फीसदी पर थी. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक,थोक महंगाई भी फरवरी महीने में बढ़ी है. यह लगातार 11वां महीना है जब थोक महंगाई दोहरे अंको में रही. थोक महंगाई फरवरी में 13.11 फीसदी रही है, जो जनवरी 2022 में 12.96 फीसदी रही थी. ईंधन और बिजली की महंगाई सबसे ज्यादा 31.50 फीसदी रही है.
खाने की चीजें हुई महंगी
खुदरा मूल्य सूचकांक की बात करें, तो पिछले साल फरवरी 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.03 फीसदी थी. इससे पहले जून 2021 में रिटेल इन्फ्लेशन 6.26 परसेंट थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के मुताबिक, फूड बास्केट यानी खाद्य पदार्थों की महंगाई 5.89 फीसदी तक पहुंच गई है, जो पिछले माह 5.43 फीसदी रही थी. खाद्य पेय पदार्थों की महंगाई भी 15 महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है.
खाने की चीजों में,अनाज में महंगाई 3.95 फीसदी,मांस और मछली में 7.54 फीसदी,अंडों में महंगाई 4.15 फीसदी रही.वहीं, सब्जियों की महंगाई 6.13 फीसदी पर रही है. जबकि, मसालों की महंगाई बढ़कर 6.09 फीसदी पर पहुंच गई.
महंगाई की काबू दर 6 फीसदी
आपको बता दें, आरबीआई ने महंगाई की काबू दर 6 फीसदी की है.सोमवार को जारी किए आंकड़ों के मुताबिक,फरवरी में महंगाई दर 6.07 फीसदी रही यानी आरबीआई की काबू दर से अधिक.अगर इस तरीके से महंगाई की दर में बढ़ोतरी जारी रहती है, तो रिजर्ब बैंक को ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है.
सरकार ने इसके पीछे की वजह कच्चे तेल और खाने की चीजों के अलावा आइटम की कीमतों में इजाफा बताया है.
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