अर्थव्यवस्था को मोर्चे पर कई सेक्टरों से निराश करने वाली खबरों के बीच खुदरा महंगाई में लगातार छठे महीने बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जून महीने में खुदरा महंगाई दर 3.18 फीसदी पर पहुंच गई, जो मई में 3.05 फीसदी थी. इसके साथ ही मई में औद्योगिक उत्पादन गिर गया. इस महीने उत्पादन में बढ़ोतरी दर गिर कर 3.1 फीसदी पहुंच गई. पिछले साल इस महीने यह वृद्धि दर 3.8 फीसदी थी. इस साल अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन का इंडेक्स IIP 4.3 फीसदी बढ़ा था, जबकि मार्च में इसमें सिर्फ 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.
जनवरी से बढ़ने लगी थी खुदरा महंगाई
खुदरा महंगाई में बढ़ोतरी खाद्य वस्तुओं के दाम में इजाफे से हुई है. हालांकि इस दौरान फल और सब्जियों के दाम में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ है. खुदरा महंगाई दर में इस साल जनवरी से ही इजाफा दिखने लगा था. जहां तक औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की बात है तो मई में इसके इंडेक्स आईआईपी में गिरावट की सबसे बड़ी वजह माइनिंग और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का खराब प्रदर्शन रही. मई में इसमें सिर्फ 3.2 फीसदी को बढ़ोतरी रही जबकि एक साल पहले इस अवधि में यह 3.2 फीसदी बढ़ा. इसी तरह मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन भी खराब रहा. मई में इसमें सिर्फ 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ. पिछले साल इस अवधि में यह 3.6 फीसदी की दर से बढ़ा था.
माइनिंग और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का बुरा हाल
आईआईपी में गिरावट की सबसे बड़ी वजह माइनिंग और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का खराब प्रदर्शन रही. मई में इसमें सिर्फ 3.2 फीसदी को बढ़ोतरी रही जबकि एक साल पहले इस अवधि में यह 3.2 फीसदी बढ़ा. इसी तरह मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का प्रदर्शन भी खराब रहा. मई में इसमें सिर्फ 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ. पिछले साल इस अवधि में यह 3.6 फीसदी की दर से बढ़ा था.
हालांकि मई में बिजली उत्पादन में 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पिछले साल इस महीने के दौरान बिजली उत्पादन की वृद्धि दर 4.2 फीसदी थी. CSO के आंकड़ों के मुताबिक निवेश का बैरोमीटर माना जाने वाले कैपिटल गुड्स उत्पादन में सिर्फ 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. पिछले साल मई में इसमें 6.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
पिछले साल मई महीने की तुलना में प्राइमरी गुड्स में 2.5, इंटरमीडिएट गुड्स में 0.6 और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर और कंस्ट्रक्शन गुड्स में 5.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में वृद्धि दर नकारात्मक रही. यह -0.1 फीसदी पर पहुंच गई. जबकि कंज्यूमर नॉन ड्यूरेबल्स में 7.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
अगर इंडस्ट्री के हिसाब से बात करें तो मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के 23 ग्रुप में से 12 ने पिछले साल की तुलना में पॉजीटिव ग्रोथ हासिल किया.
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