आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने पीएम मोदी से वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को रोकने की अपील की है. मंच का आरोप है कि अमेरिकी रिटेल कंपनी नियमों को तोड़ मरोड़कर बैक डोर से रिटेल सेक्टर में एंट्री कर रही है.
स्वदेशी जागरण मंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में अपील की है कि राष्ट्रीय हितों की खातिर उन्हें दखल देना चाहिए.
वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट में 77 परसेंट हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीद ली है. लेकिन स्वदेशी जागरण मंच ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि प्रधानमंत्री को रिटेल और एग्रीकल्चर सेक्टर को बचाया जाना चाहिए.
‘वॉलमार्ट से नुकसान होगा’
आरएसएस की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच ने दावा किया है कि वॉलमार्ट ई-कॉमर्स के नियमों को तोड़ मरोड़कर चुपके से मल्टीब्रांड रिटेल में घुसने की तैयारी में है. जागरण मंच के मुताबिक...
इस कदम के बात छोटे और मझौले कारोबारियों, छोटे दुकानदारों को बहुत नुकसान होगा और नौकरियों के मौके खत्म होंगे. ज्यादातर छोटे एंटरप्रेन्योर पहले से ही अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं वॉलमार्ट के आने से उनकी रही सही उम्मीद भी खत्म हो जाएगी.
स्वदेशी जागरण मंच के संयोजक अश्विनी महाजन ने आरोप लगाया कि इस सौदे के लिए कानून का जमकर उल्लघंन हुआ है. उन्होंने चिट्ठी की कॉपी वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को भी भेजी है.
सूत्रों के मुताबिक सुरेश प्रभु ने स्वदेशी जागरण मंच को भरोसा दिलाया है कि वो इस मुद्दे पर ध्यान देंगे.
बीजेपी और संघ की पॉलिसी के खिलाफ
जागरण मंच के मुताबिक आरएसएस और बीजेपी शुरू से मल्टीब्रांड रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ रही है, क्योंकि ये एंटरप्रेन्योर के खिलाफ है और किसान विरोधी है.
स्वदेशी जागरण मंच ने इस सौदे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. खतरा हमारे दरवाजे तक पहुंच गया है. इन सब बातों ने हमें पत्र लिखने को मजबूर कर दिया है. वॉलमार्ट चीनी सामान की दुनिया की सबसे बड़ी इंपोर्टर है और इससे छोटी घरेलू इंडस्ट्री बर्बाद हो सकती हैं.
चिट्टी में प्रधानमंत्री को याद दिलाया गया है कि फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट सौदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी सपने के भी खिलाफ है.
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