सलमान का सेंसेक्स कनेक्शन 2018 में भी रहेगा
टाइगर जिंदा है और बहुत ताकतवर भी. सलमान ने साल 2017 खत्म होने का जश्न 200 करोड़ से ज्यादा कमाई करके बनाया है. भारतीय शेयर बाजार ने भी टाइगर की तर्ज पर चलते हुए 2017 में 30 परसेंट कमाई के साथ जश्न मनाया है.
सलमान का कमिटमेंट और सेंसेक्स में इन्वेस्टमेंट के बीच पुराना कनेक्शन है. 2009 में सलमान खान ने अपनी दूसरी गोल्डन पारी शुरू की थी वॉन्टेड के साथ. इस फिल्म ने उनकी पर्सेनेलिटी ही बदल दी. शेयर बाजार के लिए भी 2009 बड़ी चुनौती वाला साल था, 2008 में लीमन संकट की वजह से बाजारों की जमकर पिटाई हुई थी, निवेशकों का भरोसा डगमगाया हुआ था. लेकिन 2009 में सेंसेक्स की किस्मत पलट गई.
सलमान और सेंसेक्स साथ साथ
सलमान थक रहे थे, वो औसत हिट फिल्म तो दे रहे थे. पर साल 2009 ने सब कुछ बदल दिया. सलमान ने वॉन्टेड फिल्म के साथ बॉक्स ऑफिस में ब्लॉकबस्टर का कमिटमेंट कर लिया. वॉन्टेड ने 100 करोड़ रुपए के क्लब में शामिल हो गई. इधर सेंसेक्स की किस्मत के लिए भी ये साल टर्नअराउंड वाला रहा. 2008 के ग्लोबल संकट की छाया से निकलने के बाद ने 2009 में 80 परसेंट से ज्यादा रिटर्न दे डाला.
दोनों के लिए 2017 रहा धमाकेदार
सेंसेक्स ने 30 परसेंट कमाई कराई है जो 2009 के बाद सबसे ज्यादा है. सलमान की टाइगर जिंदा है फिल्म ने 2017 की विदाई 200 करोड़ रुपए से ज्यादा का बिजनेस करके की है. इसलिए अब सबकी नजर इस बात पर हैं कि 2018 में क्या दोनों यही कमाल दिखाएंगे.
2018 में इन्वेस्टमेंट का कमिटमेंट
सलमान खान की अगले साल रेस-3 फिल्म रिलीज होगी जिस पर सबकी नजर है क्योंकि इस सीरीज की सभी फिल्में सुपरहिट रही हैं. लेकिन सेंसेक्स के लिए अगले साल के खाते में क्या छिपा है. ज्यादातर संकेत अच्छे हैं लेकिन कई जोखिम भी हैं.
1. बजट
साल शुरू होते ही पहली फरवरी को अरुण जेटली का बजट साल भर का मूड तय करेगा. लोकसभा चुनाव के पहले ये आखिरी बजट होगा इसलिए उम्मीद की जा रही है कि इसमें लुभावने फैसले मुमकिन हैं. खासतौर पर ग्रामीण इलाकों और किसानों पर फोकस रहने की उम्मीद है. फिस्कल डेफिसिट का आंकड़ा अहम होगा. अगर सरकार का कर्ज बढ़ा तो शेयर बाजार में उठा-पटक दिख सकती है.
2. राज्यों में विधानसभा चुनाव
अगले साल 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ये सभी राज्य बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं. खासतौर पर अप्रैल-मई में कर्नाटक और नवंबर दिसंबर में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का प्रदर्शन बाजार की दिशा तय करेगा.
3. कच्चे तेल का सिरदर्द
कच्चा तेल के दाम बढ़ना भारत के लिए हमेशा परेशानी की वजह रहे हैं. क्रूड 65 डॉलर से ऊपर पहुंच चुका है और अगर ये 70 डॉलर के स्तर पर जाता है तो जोखिम बढ़ाएगा. खासतौर पर महंगाई का क्रूड के महंगे होने से सीधा रिश्ता है.
4. क्रेडिट पॉलिसी
जानकार कहते हैं अगर महंगाई दर बढ़ी तो रिजर्व बैंक हाथ पर हाथ रखे नहीं बैठेगा वो ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. अगर ब्याज दरें बढ़ीं तो ग्रोथ के लिए रुकावटें बढ़ जाएंगीं.
5. विदेशी संकेत
अमेरिकी सेंट्रल बैंक अगर ब्याज बढ़ाता है तो घरेलू बाजार में विदेशी निवेश कम हो सकता है. बाजार के जानकारों के मुताबिक अमेरिकी सेंट्रल बैंक का रुख थोड़ा सख्त रहेगा. इसी तरह चीन में कर्ज संकट गहराने से मुश्किलें बढ़ेंगी.
खतरे हैं तो कई उम्मीदें भी हैं
भारतीय बाजार में इस साल अब तक 7.7 अरब डॉलर का निवेश आ चुका है. हालांकि 2010 से 2014 तक ये औसतन आए 20 अरब डॉलर के मुकाबले काफी कम है. लेकिन खास बात ये है कि भारतीय बाजारों के तेजी में घरेलू निवेशकों का ज्यादा योगदान है और उनका ये भरोसा बना हुआ है.
आर्थिक आंकड़े भारत के पक्ष में हैं. करेंट अकाउंट डेफिसिट काबू में है. फिस्कल डेफिसिट भी खतरे के निशान पर नहीं है. इसके अलावा म्युचुअल फंड से लगातार निवेश आ रहा है.
सलमान खान की 2018 में रेस-3 रिलीज होगी जिसके सुपरहिट होने के चांस बहुत ज्यादा है. लेकिन सेंसेक्स का रास्ता उतना आसान नहीं है.
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